जहां एक तरफ दुनियाभर के देश चीन की विस्तारवादी और आक्रमक नीति को लेकर उग्र दिखाई दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर नेपाल को चीन पर प्रेम आ रहा है। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्ष कमल दहल ‘ प्रचंड’ के एक बयान ने चीन विरोधियों की नींद उड़ा दी है। रविवार को नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने कहा कि उनका देश पारस्परिक लाभ के लिए चीन के साथ आर्थिक साझेदारी बढ़ाने के इच्छुक हैं।
दुनियाभर के देश हिंद-प्रशांत महासागर और साउथ चाइना सागर को लेकर चीन के रुख के विरोध में लामबंद है। कई देश चीन के बर्ताव का खुलकर विरोध कर रहे है। चीन की बढ़ती विस्तारवादी नीति के खिलाफ कई देशों ने आपसी समझौते भी किए हुए है। चीन के डेट ट्रैप पॉलिसी में कई गरीब देश फंस चुके हैं। बावजूद इसके नेपाल आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए चीन का ही सहारा लेना चाहता है।
बीजिंग में चीनी बिजनेस एंटरप्राइजेज के साथ एक बैठक में नेपाली प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा, एक करीबी पड़ोसी के तौर पर नेपाल पारस्परिक लाभ के लिए आर्थिक साझेदारी बढ़ाने का इच्छुक है।
प्रधानमंत्री सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों की करीबी रिश्तेदारी और भौगोलिक निकटता में बहुत सारे कारक हैं। जिनका उपयोग पारस्परिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए किया जाना चाहिए।
वक्त ही बताएगा कितना भरोसेमंद है चीन
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन को लेकर लगातार सुर्खियां बनी रहती हैं। लेकिन नेपाल के प्रधानमंत्री चीन को ही करीबी दोस्त और भरोसेमंद साझेदार के रुप में देखते हैं। संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, नेपाल और चीन के बीच घनिष्ठ, गहरे और बहुआयामी द्विपक्षीय संबंध हैं।
पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री बनने के बाद केपी ओली के नेतृत्व वाली चीन समर्थक नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) से राजनीतिक रूप से दूरी बनाने वाले प्रचंड ने भारत और अमेरिका की यात्रा के बाद अपनी पहली चीन यात्रा पर गए हैं।
प्रधानमंत्री प्रचंड बोले, हम मिलकर बढ़ाएंगे उत्पादकता
नेपाल व्यापार को सुविधाजनक बनाने और विशेष रूप से अपने निर्यात को बढ़ाने के तरीके खोजने के लिए प्रयास कर रहा है। जिसके जरिए नेपाल की उत्पादक क्षमता को ताकत मिल सके। उन्होंने कहा, भौतिक बुनियादी ढांचे में सुधार और गुणवत्ता प्रमाणन तंत्र को और अधिक मजबूत बनाकर व्यापार किया जा सकता है। चाय, हर्बल दवा, खट्टे खाद्य पदार्थ, कॉफी, अदरक जैसे नेपाली उत्पादों के चीन में निर्यात की काफी संभावनाएं हैं।
शनिवार को प्रधानमंत्री प्रचंड ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ आमने-सामने और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठकें की है। संयुक्त राष्ट्र की 78वीं महासभा को संबोधित करने के बाद न्यूयॉर्क से सीधा नेपाली प्रधानमंत्री प्रचंड चीन पहुंच गए।
चीन की आधिकारिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री एनपी सऊद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद हैं। प्रचंड 25 सितंबर को अपने चीनी समकक्ष ली कियांग के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।