कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत पर आरोप लगाए जाने के बाद से विवाद बढ़ता जा रहा है। कनाडा में लगातार हिंदुओं को धमकी मिल रही है। ऐसे में, भारतीय-अमेरिकियों के एक समूह ने कनाडा में हिंदुओं के खिलाफ नफरत की बढ़ती घटनाओं की निंदा की। उन्होंने ओटेवा से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को आतंकवाद की स्वतंत्रता के साथ नहीं मिलाने और इस मुद्दे पर चुप रहकर घृणा अपराधों का समर्थन नहीं करने को कहा है।
दरअसल, कनाडा में हिंदुओं को देश छोड़ने की धमकी देने वाले खालिस्तान समर्थक समूह का एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय-अमेरिकियों ने यह मांग की है। उनका कहना है कि यह चिंताजनक है कि खालिस्तानी आतंकवादी कनाडा की धरती पर मंदिरों को नुकसान पहुंचा कर बार-बार हिंदुओं को धमकी दे रहे हैं।
चुप्प रहना…
अमेरिका के हिंदू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर इंदु विश्वनाथन ने कहा, “यह देखना चिंताजनक है कि खालिस्तानी आतंकवादी हिंदू पवित्र स्थानों को क्षतिग्रस्त करके हिंदू कनाडाई लोगों को बार-बार धमकी दे रहे हैं। ऐसे लोगों के सामने चुप्प रहना उनका समर्थन करने के समान है।”
कट्टरपंथियों को रोकें
फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआईआईडीएस) के खांडेराव कांड ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को आतंकवाद की आजादी के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। उन्हें कट्टरपंथ लोगों को रोकना चाहिए और कूटनीतिक रूप से अंतरराष्ट्रीय स्थितियों को संभालना चाहिए।
यह है मामला
गौरतलब है, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के 18 सितंबर को लगाए गए आरोपों के कुछ दिनों बाद खालिस्तानी वीडियो सामने आया है। हालांकि, कनाडा सरकार ने साफ कहा है कि आक्रामकता, घृणा, धमकी देने वालों का कनाडा में कोई स्थान नहीं है। पर वीडियो के संबंध में किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले सप्ताह आरोप लगाए थे कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ हो सकता है। ट्रूडो ने कहा था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों के पास यह मानने के कारण है कि भारत सरकार के एजेंटों ने ही निज्जर की हत्या की है। कनाडाई एजेंसियां निज्जर की हत्या में भारत की साजिश की संभावनाओं की जांच कर रही हैं। ट्रूडो ने जोर दिया कि कनाडा की धरती पर कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी भी प्रकार की संलिप्तता अस्वीकार्य है। हालांकि, भारत ने इन सभी आरोपों के बेबुनियाद बताए हैं।
अमेरिका करे कनाडा से अपील
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन के सरकारी मामलों के अध्यक्ष डॉ. संपत शिवांगी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और सांसदों से हस्तक्षेप करने और कनाडाई भारतीयों, हिंदुओं और हजारों भारतीय छात्रों को खतरों से बचाने के लिए कनाडा को एक संदेश भेजने की अपील की।
और फेल सकती है नफरत
भारतीय-अमेरिकी नेता भरत बरई ने कहा, ‘मुझे संदेह है कि यह नफरत अमेरिका तक फैल सकती है। इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए। खालिस्तानी उन लोगों का इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें आईएसआई द्वारा उकसाया जाता है और नशीली दवाओं की तस्करी, मानव तस्करी और अन्य हिंसक आपराधिक गतिविधियों में शामिल होते हैं।
सच्चे सिख सभी समुदायों के साथ
खालसा टुडे के मुख्य संपादक सुखी चहल ने कहा, “एक सिख के रूप में, मैं अपने गुरुओं की शिक्षाओं में दृढ़ता से विश्वास करता हूं, जो सभी मानवता की एकता पर जोर देते हैं।” उन्होंने कहा कि सच्चे सिख सभी समुदायों के बीच सद्भाव और सम्मान के लिए एक साथ खड़े हैं।
पन्नुन ने लांघी सीमा
हिंदुओं और भारतीयों को हाल ही में मिली धमकियों पर अमेरिका की एक मीडिया कंपनी के संपादक श्री अय्यर ने कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नफरत फैलाने वाले भाषण के बीच एक बहुत पतली रेखा है और गुरपतवंत सिंह पन्नुन ने इसे तब पार कर दिया, जब उसने हिंदू कनाडाई लोगों को धमकी दी।”