दुनियाभर में भारतीय मूल के लोग अपना लोहा मनवा रहे हैं। अमेरिका भी अब भारतीय-अमेरिकियों नागरिकों पर फिदा हो गए है। व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा जारी बयान ने भारतीय मूल के लोगों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। शीर्ष अधिकारी ने कहा, भारतीय-अमेरिकियों ने अमेरिका में अपनी पहचान बनाई है। राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन में भारतीय मूल के लोग शामिल हैं।
यूनाइटेड स्टेट्स डोमेस्टिक पॉलिसी काउंसिल की निदेशक नीरा टंडन ने शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, हमारे बीच प्रवासी भारतीयों की ताकत के आधार पर व्यक्ति-से-व्यक्ति, समुदाय-से-समुदाय नेता के बीच इतना मजबूत रिश्ता है। इंडियन हाउस, अमेरिका में भारत के राजदूत का आधिकारिक निवास है।
उन्होंने कहा, जब मैं पहली बार वाशिंगटन आई थी, तो क्लिंटन प्रशासन में कुछ ही लोग थे,जो भारतीय-अमेरिकी थे। आज भारतीय अमेरिकी पूरे प्रशासन में हैं। जब हम एआई मुद्दों के बारे में बात कर रहे हैं, तो विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति कार्यालय आरती प्रभाकर(एक भारतीय-अमेरिकी) द्वारा संचालित है।
नीरा ने कहा, भारतीय मूल के लोगों पर कोई भी खरोंच नहीं मार सकता
साथ ही उन्होंने कहा, जब आप दो दिन पहले लोकतंत्र पर अपने अद्भुत भाषण में राष्ट्रपति के शब्दों को सुनते हैं, तो वे शब्द विनय रेड्डी द्वारा लिखे गए हैं। वास्तव में, आप इन दिनों व्हाइट हाउस में एक पत्थर नहीं फेंक सकते हैं और एक भारतीय-अमेरिकियों को नहीं मार सकते हैं। टंडन ने इंडिया हाउस में एकत्र हुए सैकड़ों भारतीय-अमेरिकियों की तालियों के बीच यह बात कही।
अमेरिकी सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने कहा कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच दोस्ती 21वीं सदी की निर्णायक दोस्ती और साझेदारी में से एक है।