सिख रेस्त्रां मालिक को ऑस्ट्रेलिया में नस्लीय रूप से निशाना बनाए जाने की मीडिया रिपोर्ट सामने आई है। खबर के अनुसार, नस्लीय भेदभाव पीड़ित को ‘भारतीय घर जाओ’ जैसी बातें भी सुनने को मिलीं। पीड़ित सिख रेस्त्रां मालिक ने आरोप लगाया है कि हाल के महीनों में उसे कई बार नस्लीय रूप से निशाना बनाया गया है। उसे वापस भारत जाने को कहा जा रहा है। “घर जाने” को कहने के अलावा उसकी कार पर कुत्ते का मल भी छिड़का गया है।
ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन की रिपोर्ट के अनुसार, तस्मानिया के होबार्ट में एक रेस्तरां चलाने वाले जरनैल सिंह के साथ नस्लीय भेदभाव की घटना हुई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें पिछले दो या तीन महीनों से लगातार निशाना बनाया जा रहा है। सिंह के हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया, “मेरे साथ ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, यह पिछले दो-तीन महीनों से लगातार हो रहा है।”
सिंह ने मंगलवार को एबीसी न्यूज को बताया, “जब आपके घर की बात आती है, और विशेष रूप से आपके नाम के साथ लक्षित किया जाए तो यह मानसिक रूप से बहुत तनावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नस्लीय भेद की घटना को चिंताजनक बताते हुए कहा, उन्हें बहुत अधिक मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। कुछ करना होगा।”
उन्होंने कहा कि पहली घटना में उनके घर के बाहर उनकी कार के दरवाज़े के हैंडल पर लगातार चार या पांच दिनों तक कुत्ते का मल छिड़का गया। इसके बाद उन्होंने अपने रास्ते में दीवारों पर बनी नस्लवादी तस्वीरें देखीं। इनमें उनसे भारत लौटने को कहा गया और लिखा गया, “घर जाओ, भारतीय।” जरनैल सिंह का आरोप है कि उन्होंने स्थानीय पुलिस को इस मामले की सूचना दी, लेकिन, वीडियो सबूत के बिना, यह पता लगाना बहुत चुनौतीपूर्ण है कि इस घटना के पीछे कौन है।
जरनैल का आरोप है कि उन्हें नस्लवादी टिप्पणियों से भरा पत्र भी भेजा गया। उन्होंने पहले मान लिया कि पत्र किसी युवा ने लिखा और पुलिस को इसकी सूचना देने के बाद, उन्होंने इस मामले को अनदेखा करने की पूरी कोशिश की। लगभग एक महीने बाद उन्हें एक और पत्र मिला। इसमें पहले से भी अधिक आक्रामक भाषा लिखी थी। इसमें गालियों के साथ “आप भारत वापस जा सकते हैं” जैसी आपत्तिजनक बातें लिखी गईं।
उन्होंने बताया कि उनके रेस्त्रां, घर और कार को नुकसान पहुंचाने की धमकियां भी दी गईं। जरनैल सिंह बताते हैं कि वे लगभग 15 वर्षों से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हैं। पिछले 10 साल से तस्मानिया में रह रहे हैं। नस्लीय अपराध की घटना पर तस्मानिया पुलिस कमांडर जेसन एल्मर ने एक बयान में कहा, घटनाओं की सूचना पुलिस को दी गई है और जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून के तहत अदालतों में “इस बात पर विचार करने की अनुमति है कि नस्लीय घृणा या पूर्वाग्रह” के आरोपों के तहत सजा दी जा सकती है या नहीं। ऐसे मामलों में नस्लीय आरोप गंभीर कारक हो सकते हैं। कमांडर एल्मर ने कहा कि समुदाय में “किसी भी प्रकार के मौखिक या शारीरिक उत्पीड़न के अपराध के लिए कोई माफी नहीं है।” उन्होंने कहा, पुलिस की तरफ से लोगों को प्रोत्साहित किया गया है कि अगर उन्हें लगे कि वे किसी पूर्वाग्रह से संबंधित घटना के शिकार हुए हैं तो वे तुरंत पुलिस से संपर्क करें।