Home अर्थ - व्यापार 6 एयरपोर्ट वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने अडानी ग्रुप को सौंप दिये थे!

6 एयरपोर्ट वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने अडानी ग्रुप को सौंप दिये थे!

0
6 एयरपोर्ट वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने अडानी ग्रुप को सौंप दिये थे!
Adani , Modi

अडानी ग्रुप ने 6 एयरपोर्ट में देश के दूसरे सबसे बड़े मुंबई एयरपोर्ट को भी कर लिया अक्वायर 

नई दिल्ली : नीति आयोग के विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने अडानी ग्रुप को सौंप दिये थे! 6 एयरपोर्ट के लिए अडानी ग्रुप ने सबसे बड़ी बोली लगाई थी। और इस ग्रुप ने देश के दूसरे सबसे बड़े मुंबई एयरपोर्ट को भी अक्वायर कर लिया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 12 जनवरी को इसके टेकओवर को हरी झंडी दिखा दी थी। मगर इस बीच पता चला है कि साल 2019 में हुई बिडिंग की प्रक्रिया पर नीति आयोग और वित्त मंत्रालय ने आपत्ति जताई थी कि एक ही कंपनी को 6 एयरपोर्ट नहीं दिए जाने चाहिए मगर इसकी अनदेखी की गई।

11 दिसंबर 2018 को हुई थी प्रस्ताव पर चर्चा
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि एनडीए सरकार के सबसे बड़े निजीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत अहमदाबाद, लखनऊ, मैंगलोर, जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट के लिए बोलियों को आमंत्रित किया गया था। केंद्र की पब्लिक प्राइवेट पार्नरशिप अप्रेजल कमिटी (PPPAC) ने सिविल एविएशन मिनिस्ट्री से 11 दिसंबर 2018 को इस प्रस्ताव पर चर्चा की थी।

“MA news” app डाऊनलोड करें और 4 IN 1 का मजा उठायें  + Facebook + Twitter + YouTube.Download now

जताया था ऐतराज़
इस बैठक के दौरान वित्त मंत्रालय की ओर से दिए गए नोट में कहा गया था कि ये सभी एयरपोर्ट हाइली कैपिटल इंटेसिव हैं और एक ही कंपनी को दे देना ठीक नहीं है। एक कंपनी को दो से अधिक एयरपोर्ट नहीं दिए जाने चाहिए।

पीपीपी का मेमो सरकार की नीति के खिलाफ
दस्तावेज के हवाले से बताया गया है कि इस मामले में वित्त मंत्रालय ने दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट के प्रेजिडेंट से भी संपर्क किया था। यहां जीएमआर ही सिर्फ योग्य बिडर था मगर दोनों ही एयरपोर्ट उसे नहीं दिए गए। उसी दिन वित्त मंत्रालय के नोट पर नीति आयोग ने भी अलग चिंता व्यक्त की।

मानवाधिकार अभिव्यक्ति न्यूज  की रोचक खबरों को पढने के लिए यहाँ क्लिक करे

नीति आयोग का कहना था कि पीपीपी का मेमो सरकार की नीति के खिलाफ है। जिस बिडर के पास तकनीकी क्षमता नहीं होगी वह सरकार की प्रतिबद्धता के मुताबिक सेवाएँ नहीं दे पाएगा।

पचास साल के लिए मिला अधिकार
वित्त मंत्रालय के सचिव एससी गर्ग की अध्यक्षता वाले PPAC की ओर से कहा गया कि पहले ही निर्णय कर लिया गया है कि पहले के अनुभवों को बिडिंग का आधार नहीं बनाया जाएगा। बोली जीतने के एक साल बाद ही अडानी ग्रुप ने अहमदाबाद, मैंगलुरु और लखनऊ एयरपोर्ट के कंसेशन अग्रीमेंट पर दस्तखत कर दिया।

रोचक खबरों के लिये यहाँ क्लिक करें 

बोली के मामले में अडानी ग्रुप ने जीएमआर ग्रुप, जुरिक एयरपोर्ट औऱ कोच्चि इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को काफी पीछे छोड़ दिया। इसलिए पचास साल के लिए छह एयरपोर्ट को संचालित करने का अधिकार अडानी को मिल गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here