– रवि जी. निगम
लखनऊ : गत वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट के विवादित बाबरी मस्जिद फैसले के बाद अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के निर्माण प्रभारी ने परियोजना का पहला मॉडल जारी किया, आगामी वर्ष की शुरुआत में परियोजना का पहला चरण आधारशिला रखे जाने से आरंभ होगा, इस परिसर में मस्जिद के साथ एक अस्पताल भी होगा।
IICF (इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन) ट्रस्ट द्वारा किये गए एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से दुनिया भर के कई समकालीन मस्जिदों के डिजाइन दिखाए गए, इस योजनाबद्ध मस्जिद की एक कंप्यूटर जनित तस्वीर के साथ सुरम्य उद्यान के पार एक विशाल कांच के गुंबद को दिखाती है, वही मस्जिद के पीछे की ओर एक फ्यूचरिस्टिक डिज़ाइन वाला अस्पताल बना हुआ प्रदर्शित है।
IICF ट्रस्ट के अनुसार “डिजाइन दुनिया भर की मस्जिदों की आधुनिक वास्तुकला की अनुकृति है.” लखनऊ स्थित IICF ट्रस्ट के कार्यालय में प्रोफेसर एसएम अख्तर द्वारा 5 एकड़ क्षेत्र फल के भूखंड पर निर्माण योजना की प्रस्तुति की गई थी।
IICF ट्रस्ट के वक्तव्य में “परिसर में अभिलेखागार और संग्रहालय को लेकर सलाहकार और क्यूरेटर प्रोफेसर पुष्पेश पंत ने भारत में हिंदू और मुस्लिम समुदायों की संयुक्त उपलब्धियों और संघर्ष को दिखाने के लिए एक अच्छे संग्रहालय की आवश्यकता का उल्लेख किया है।”
ट्रस्ट ने बताया कि “ ये अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने वाला होगा और इसके साथ ही ये बच्चों और गर्भवती महिलाओं में कुपोषण पर भी ध्यान केंद्रित करेगा जिसकी क्षेत्रीय जनता को बहुत ही आवश्यकता है, परिसर भवन में ट्रस्ट कार्यालय एवं प्रकाशन गृह भी होंगे, जो इंडो इस्लामिक सांस्कृतिक-साहित्य अध्ययन के अनुसंधान और प्रकाशन घर पर आधारित है।”
ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या में पांच एकड़ के “उपयुक्त” भू-भाग का आदेश देते हुए कहा था कि यह आवश्यक था क्योंकि अदालत को यह सुनिश्चित करना होगा कि एक गलत प्रतिबद्ध को बचाया जाना चाहिए, न्यायाधीशों द्वारा कहा था कि, “सहिष्णुता और आपसी सह-अस्तित्व हमारे राष्ट्र और उसके लोगों की धर्मनिरपेक्ष प्रतिबद्धता को पोषण देता है।”