इस्राइल और हमास के हिंसक संघर्ष के बीच संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरस युद्धविराम की अपील कर चुके हैं। इसी बीच ताजा घटनाक्रम में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि गाजा में जबालिया शरणार्थी शिविर पर हो रहे अंधाधुंध हमलों को युद्ध अपराध की श्रेणी में लाया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी टिप्पणी में बड़ी संख्या में नागरिकों के हताहत होने और विनाश के पैमाने का भी जिक्र किया।
मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर जारी एक बयान में कहा, जबालिया शरणार्थी शिविर पर इस्राइली हवाई हमलों के बाद बड़ी संख्या में नागरिक हताहत हुए हैं। विनाश के पैमाने को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र को गंभीर चिंता है कि ये असंगत हमले हैं जो युद्ध अपराध की श्रेणी में आ सकते हैं।
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि इस्राइली सेना (IDF) के अनुसार, पैदल सेना और बख्तरबंद बलों ने उत्तरी गाजा के भीतर, विशेष रूप से अल करामा क्षेत्र, गाजा शहर के उत्तर-पश्चिम और गाजा शहर के पूर्व जबालिया और अज जैतून पड़ोस में अपना जमीनी अभियान जारी रखा है।
कथित तौर पर हवाई हमले मध्य गाजा में भी जारी रहे। हमले विशेष रूप से पूर्वी अल मगाजी और अल ब्यूरिज के साथ एन नुसीरत शिविर में भी हुए। एक नवंबर को, लगातार दूसरे दिन और 24 घंटे से भी कम समय के भीतर, जबालिया शरणार्थी शिविर पर भारी हवाई हमले हुए। इसमें कथित तौर पर कई आवासीय इमारतें नष्ट हो गईं और दर्जनों लोग मारे गए।
31 अक्तूबर को इस्राइली सेना के हवाई हमले में ए नुसीरात शिविर (मध्य क्षेत्र) में नौ मंजिल के मोहनदेसिन टावर को निशाना बनाया गया। इसमें कथित तौर पर 45 फलस्तीनी मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्तूबर से जब संघर्ष शुरू हुआ, 8,805 फलस्तीनी मारे गए हैं। इनमें कम से कम 3,648 बच्चे और 2,187 महिलाएं शामिल हैं, और लगभग 22,240 घायल हुए हैं।
इस्राइली सूत्रों के अनुसार, हमास के आतंकी हमलों में इस्राइल में कम से कम 1,400 इस्राइली और विदेशी नागरिक मारे गए हैं। खबरों के मुताबिक इस्राइल में कम से कम 5,400 घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकांश लोग 7 अक्तूबर को ही हताहत हुए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब से इस्राइली सेना ने अपना जमीनी हमला शुरू किया है, कथित तौर पर 15 इस्राइली सैनिक मारे गए हैं। इस्राइली मीडिया ने बताया कि, 31 अक्टूबर तक 1,138 मृतकों की पहचान की जा चुकी है। इनमें 826 नागरिक और पुलिस और 315 सैनिक शामिल हैं। ओसीएचए ने कहा कि जिनकी उम्र बताई गई है, उनमें से 31 बच्चे हैं।