अमेरिका में पांच नवंबर को चुनाव होने वाले हैं। यहां राष्ट्रपति पद के लिए दो नेताओं जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला है। 27 जून को हुई प्राथमिक बहस के बाद बाइडन के खराब प्रदर्शन की लगातार किरकिरी हो रही है। अब सिख अमेरिकन्स फॉर ट्रंप के प्रमुख ने कहा कि ट्रंप की लोकप्रियता पर प्राथमिक बहस का कुछ प्रभाव पड़ा है। पूर्व राष्ट्रपति की जीत इस बात पर निर्भर करेगी कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और कानूनी है या नहीं। वहीं, एक पाकिस्तानी-अमेरिकी व्यवसायी का कहना कि देश कठिन समय से गुजर रहा है और दुनिया अमेरिकी लोकतंत्र पर करीब से नजर रख रही है।
मैरीलैंड स्थित समुदाय के नेता और सिख अमेरिकन्स फॉर ट्रंप के प्रमुख जसदीप सिंह जस्सी ने अगले सप्ताह मिल्वौकी में होने वाले रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन (आरएनसी) से पहले कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारा समुदाय बहुत अधिक समर्थन कर रहा है। मैंने ट्रंप के पक्ष में बहुत समर्थन देखा है। हम पूर्व राष्ट्रपति के लिए फंड जुटा रहे हैं। हम जल्द ही सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।’
राष्ट्रपति ट्रंप की वित्त समिति में नियुक्त किए गए जस्सी ने कहा, ‘हम इस बार राष्ट्रपति ट्रंप के समर्थन में अपनी टीम को राष्ट्रव्यापी रूप से जुटाएंगे, यहां तक कि वेस्ट कोस्ट में न्यूयॉर्क, टेक्सास में भी।
बाइडन की मानिसक क्षमता सबके सामने आई
उन्होंने कहा, ‘हम सभी राष्ट्रपति बाइडन के मुद्दों के बारे में जानते थे, जो उनके पास पिछले चार वर्षों से थे, लेकिन यह देखना बहुत दिलचस्प था। यहां तक कि अमेरिकी जनता और मीडिया के लिए भी कि बहस के दौरान राष्ट्रपति बाइडन ने अपनी मानसिक क्षमता और अपनी विचार प्रक्रियाओं को कितना कम कर दिया है, जो पूरे समय बहुत स्पष्ट था। लेकिन किसी तरह अमेरिकी मीडिया ने इसे नियंत्रित कर लिया और लोगों को इसके बारे में पता नहीं चलने दिया।’
अमेरिका अब कोई नेता नहीं
उन्होंने कहा, ‘अभी हम देखते हैं कि बहस का ट्रंप की लोकप्रियता पर कुछ प्रभाव पड़ा है, लेकिन देश की समग्र स्थिति, जैसे कि महंगाई, अवैध आव्रजन, इस समय एक अव्यवस्थित सीमा, बुनियादी ढांचे, हिंसा और अपराध जो अमेरिका में हो रहा है और शून्य विदेश नीति भी जहां अब अमेरिका कोई नेता नहीं है।’
120 से भी कम दिन बचे
अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अब 120 दिन से भी कम समय बचा है। इस चुनाव में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के अंदर से मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन को बदलने की मांग उठ रही है। इस बीच एक पाकिस्तानी-अमेरिकी व्यवसायी ने बुधवार को कहा कि देश कठिन समय से गुजर रहा है और दुनिया अमेरिकी लोकतंत्र पर करीब से नजर रख रही है।
बता दें, तरार उन कुछ मुस्लिम अमेरिकियों में से एक हैं, जो 2016 से लगातार ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं। वहीं, राष्ट्रपति पद के लिए बाइडन डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार हैं।
अमेरिका कठिन दौर से गुजर रहा
प्रमुख पाकिस्तानी-अमेरिकी व्यवसायी साजिद तरार ने कहा, ‘मेरे विचार से इस समय पूरी दुनिया अमेरिका की लोकतांत्रिक व्यवस्था को देख रही है। अमेरिका विशेष रूप से लोकतंत्र के लिहाज से कठिन दौर से गुजर रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘फिलहाल राष्ट्रपति बाइडन बहुत कमजोर दिख रहे हैं। यहां के लोग काफी परेशान हैं क्योंकि उन्हें बदलने की मांग चल रही है। डेमोक्रेट उन्हें नाम वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।’
कमजोर अमेरिकी विदेश नीति ही जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि 2024 का चुनाव न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए बल्कि बाकी दुनिया के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहा है। क्योंकि अगर हम अभी दुनिया में कई संकटों को देखें, तो उनके पीछे का कारण अमेरिका की कमजोर विदेश नीति है। चाहे वह गाजा हो, यूक्रेन हो, लाल सागर हो, अफगानिस्तान हो या चीन का बढ़ता प्रभाव हो, इसके लिए कमजोर अमेरिकी विदेश नीति ही जिम्मेदार है। दुनिया इसका फायदा उठा रही है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इसलिए यह चुनाव अमेरिका और दुनिया दोनों के भविष्य के लिए निर्णायक होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकियों को बाइडन और ट्रंप प्रशासन के चार वर्षों की समीक्षा और तुलना करने का मौका मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा प्रशासन की कमजोर विदेश नीति के कारण दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर है।