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UK में सख्ती यहूदी विरोध व इस्लामोफोबिक हेट क्राइम पर, स्कॉटलैंड यार्ड चीफ ने चरमपंथ पर कही यह बात

पश्चिमी एशिया में पिछले 29 दिनों से जारी युद्ध का असर यूरोपीय देश में भी हो रहा है। ब्रिटेन में यहूदी विरोध और इस्लामोफोबिक घृणा अपराध बढ़ने की खबरों के बीच स्कॉटलैंड यार्ड प्रमुख ने कहा है कि चरमपंथ के खिलाफ ब्रिटेन में सख्त कानून बनाए जाएंगे। स्कॉटलैंड यार्ड ने अपने अधिकारियों पर हमले के आरोप में कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।

ब्रिटेन के सबसे बड़े पुलिस बल के प्रमुख ने रविवार को कहा कि देश की सड़कों पर चरमपंथ से निपटने के लिए “सख्त” कानूनी उपाय किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि पश्चिम एशियाई शहर गाजा में इस्राइल और हमास के हिंसक संघर्ष के खिलाफ पूरे ब्रिटेन में मार्च निकाला गया।

चरमपंथ से निपटने के उपायों पर मेट्रोपॉलिटन पुलिस कमिश्नर मार्क रोवले ने स्काई न्यूज को बताया कि उनके अधिकारी घृणा अपराध करके “सीमा पार करने वाले” किसी भी व्यक्ति से सख्ती से निपटेंगे। उन्होंने कहा कि हेट क्राइम के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस “सख्ती से” काम कर रही है।

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में मध्य पूर्व में संघर्ष तेज होने के बाद से ब्रिटेन में यहूदी विरोधी और इस्लामोफोबिक घृणा अपराधों में वृद्धि हुई है। मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि उसने इस महीने ब्रिटेन के यहूदी समुदायों के खिलाफ 408 यहूदी विरोधी अपराध दर्ज किए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में दर्ज अपराधों की संख्या केवल 28 थी। इस्लामोफोबिक घृणा अपराध अक्टूबर 2022 में 65 थे जो अब 174 हो गए हैं।

पुलिस कमिश्नर मार्क रोवले ने कहा, “मुझे लगता है कि इस देश में चरमपंथ से निपटने के तरीके में और अधिक सख्ती बरतने की गुंजाइश है। कानून कभी भी चरमपंथ से निपटने के लिए नहीं बनाया गया था।” उन्होंने कहा, “हमारे पास आतंकवाद से निपटने के लिए कानून है, हमारे पास घृणा अपराध से निपटने के लिए कानून है, हमारे पास उग्रवाद से निपटने के लिए कोई कानून नहीं है और यही अंतर पैदा कर रहा है।”

रोवले का बयान ऐसे समय में आया है जब ब्रिटेन की गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन सहित सरकार के मंत्रियों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान “जिहाद” के नारों से संबंधित गिरफ्तारियों की कमी पर सवाल उठाए थे। बता दें कि पिछले सप्ताहांत फलस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किए गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटिश सरकार चरमपंथ की अपनी परिभाषा पर पुनर्विचार कर सकती है। सरकार को चिंता है कि मेट्रोपॉलिटन पुलिस प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पर्याप्त सख्ती नहीं दिखा पा रही है। सरकार का मानना है कि पुलिस की सख्ती की कमी के कारण देश में नफरत भड़काने की घटनाएं हो रही हैं।

रोवले ने कहा कि लंदन में हाल ही में फलस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों में कई “अप्रिय” दृश्य देखे गए, लेकिन मामले मुकदमा चलाने के स्तर के नहीं थे। उन्होंने ‘स्काई न्यूज’ को बताया कि बड़े विरोध प्रदर्शनों के बीच कई बार कानूनी कार्रवाई नहीं होती। अगर घटनाएं मुकदमा चलाने लायक नहीं हैं तो सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार करने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा, “हम कानून के दायरे में मजबूती से कार्रवाई करेंगे। हम उपद्रवियों पर बिल्कुल दया नहीं दिखाएंगे। अगले हफ्ते या उसके आसपास कई और गिरफ्तारियां होंगी।”

बता दें कि शनिवार को पूरे लंदन में हजारों लोगों ने मार्च निकाला। मैनचेस्टर, ग्लासगो, बेलफ़ास्ट और ब्रिटेन के अन्य शहरों में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शन में शामिल लोगों को फलस्तीनी झंडों और बैनरों के साथ देखा गया। इस्राइल-हमास संघर्ष में 9000 से अधिक लोगों की मौत के बीच प्रदर्शनकारी हिंसा समाप्त करने की अपील कर रहे हैं। 

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