गाजा पर बड़ी कार्रवाई के तहत इस्राइली हमलों में 274 फलस्तीनियों के कत्ले-आम व 700 से ज्यादा को बुरी तरह जख्मी करने के बाद रविवार को पूरी दुनिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। हमास व हिजबुल्ला समर्थकों ने जहां व्हाइट हाउस के पास इस्राइल विरोधी प्रदर्शन किए वहीं मिस्र, ईरान, इराक, कतर और लेबनान में भी उग्र प्रदर्शन हुए। अमेरिका में प्रदर्शनकारियों ने बाइडन का विरोध किया।
व्हाइट हाउस के पास फलस्तीन समर्थकों ने इस्राइल के खिलाफ ‘जिहाद’ का आह्वान किया और गाजा में हमास के खिलाफ इस्राइली जंग में अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ देने पर गुस्सा जताया। प्रदर्शनकारी एक लंबे बैनर पर गाजा की जंग में मारे गए फलस्तीनियों के नाम लिखे हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने लाल कपड़े पहनकर फलस्तीनी झंडे उठाए हुए थे। बैनरों पर लिखा था, ‘बाइडन की लाल रेखा झूठ थी’, ‘बच्चों पर बमबारी आत्मरक्षा नहीं’। उधर, मिस्र में हजारों लोग फलस्तीनियों के समर्थन में उतरे।
इस्राइल के मंत्री गैंट्ज का नेतन्याहू सरकार से इस्तीफा
इस्राइल के तीन सदस्यीय युद्ध मंत्रिमंडल के मध्यमार्गी सदस्य बेनी गैंट्ज ने रविवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की। हालांकि बेंजामिन नेतन्याहू को तत्काल कोई खतरा नहीं है, जो अभी भी संसद में बहुमत वाले गठबंधन को नियंत्रित करते हैं। लेकिन इस्राइली नेता अब अपने अन्य सहयोगियों पर अधिक निर्भर हो गए हैं। पूर्व सैन्य प्रमुख गैंट्ज 7 अक्तूबर को हमास के हमले के तुरंत बाद नेतन्याहू की सरकार में शामिल हो गए थे।
शर्मनाक देशों की सूची में इस्राइल भी शामिल
विश्व निकाय ने शर्मनाक देशों व संगठनों की सूची में इस्राइल और हमास को भी शामिल कर लिया है। संयुक्त राष्ट्र ने यह कार्रवाई इस्राइली सेना द्वारा गाजा में बाल विरोधी कार्रवाई, मानवाधिकारों के उल्लंघन के चलते की है। इस्राइल पहली बार सूची में शामिल हुआ है। सूची में रूस, अफगानिस्तान, इराक, म्यांमार, सोमालिया, यमन, सीरिया, आतंकी संगठन आईएस, अल-कायदा और बोको हराम भी शामिल हैं। इस्राइल ने इस कालीसूची को शर्मनाक बताया है।