पूर्वी इंग्लैंड में एक भारतवंशी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि किसी को नौकरी पर रखना इतना महंगा पड़ेगा। दरअसल, शख्स ने हर्टफोर्डशायर स्थित अपने रेस्तरां में तीन बांग्लादेशी प्रवासियों को काम पर रखा था, जिसके कारण उस पर अब सात साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है।
2020 की छापेमारी में सामने आया
51 वर्षीय इकबाल हुसैन ने हर्टफोर्डशायर के स्टैनस्टेड एबॉट्स क्षेत्र में स्थित ‘टेस्ट ऑफ राज’ में श्रमिकों को काम पर रखा था। साल 2020 में आव्रजन प्रवर्तन अधिकारियों ने रेस्तरां पर छापा मारा तो सामने आया कि ये श्रमिक अवैध बांग्लादेशी हैं।
2031 तक प्रतिबंध
ब्रिटेन की परिसमापन सेवा ने मंगलवार को कहा कि जांच के बाद हुसैन पर 2031 तक व्यवसाय चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बता दें, एनफील्ड के निवासी इकबाल हुसैन जून 2014 से टेंडर लव लिमिटेड के कंपनी नाम के तहत व्यापार करने वाले रेस्तरां के एकमात्र निदेशक थे।
इसका किया उल्लंघन
सेवा के मुख्य जांचकर्ता केविन रीड ने कहा, ‘हुसैन को आव्रजन, शरण और राष्ट्रीयता अधिनियम 2006 का उल्लंघन करते हुए, राइट टू वर्क चेक की आवश्यक जांच किए बिना श्रमिकों को काम पर रखने का दोषी पाया गया। यह कानून और कंपनी निदेशकों से अपेक्षित मानकों का गंभीर उल्लंघन है। इसलिए हुसैन अगले सात वर्षों तक ब्रिटेन में किसी कंपनी के प्रचार, गठन या प्रबंधन में शामिल नहीं हो सकते।’
रीड ने आगे कहा, ‘इकबाल हुसैन 2031 तक कंपनी के निदेशक नहीं बन सकेंगे। इस दौरान वह अदालत की अनुमति के किसी कंपनी के प्रचार, गठन या प्रबंधन में भी शामिल नहीं हो पाएंगे। उन पर ये प्रतिबंध 16 फरवरी से लागू हो गया है।
श्रमिकों का दावा
श्रमिकों ने अधिकारियों को बताया कि उन्हें चार दिनों से लेकर दो महीने तक की अलग-अलग अवधि के लिए काम पर रखा गया था। ये श्रमिक मूल रूप से बांग्लादेश के थे और उनकी उम्र 40 वर्ष के करीब थी। राइट टू वर्क चेक की ठीक से जांच करने में विफल रहने के अलावा, हुसैन ने यूके में काम करने के लिए श्रमिकों की पात्रता साबित करने वाले जरूरी आवश्यक दस्तावेजों की भी अनदेखी की।
अवैध कामकाज पर सख्ती
आव्रजन प्रवर्तन के गृह कार्यालय से सुरन पदियाची ने कहा, ‘अवैध काम ईमानदार श्रमिकों को रोजगार से बाहर कर देता है, कमजोर लोगों को जोखिम में डालता है और जनता के धन को ठगता है। हम प्रवर्तन गतिविधि को बढ़ाकर और जुर्माना तीन गुना करके अवैध कामकाज पर रोक लगा रहे हैं।’