क्रिसमस के बाद मंगलवार को अर्जेंटीना के नए राष्ट्रपति जेवियर माइली की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राष्ट्रपति का पदभार संभालने से पहले ही सरकार ने कहा है कि उसने इस साल काम पर रखे गए पांच हजार से ज्यादा कर्मचारियों के अनुबंध को खत्म कर दिया है।
उनका यह ताजा कदम मुश्किल दौर से गुजर रही देश की अर्थव्यवस्था को बदलने की दिशा में उठाया गया है। यह उनके द्वारा घोषित कटौती और अवमूल्यन की एक व्यापक योजना का हिस्सा है। धुर दक्षिणपंथी नेता माइली ने इसी महीने 10 दिसंबर को देश के नए राष्ट्रपति के रूप में पद की शपथ ली है। उनके शपथ ग्रहण समारोह में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की, ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेर बोलसोनारो और इस्राइल के विदेश मंत्री एली कोहेन भी शामिल हुए थे।
अन्य कर्मचारियों के अनुबंधों की भी होगी समीक्षा
इसके अलावा अधिकारियों ने कहा कि 2023 से पहले काम पर रखे गए अन्य सरकारी कर्मचारियों के अनुबंधों की समीक्षा की जाएगी। साल के अंत में महंगाई करीब 200 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद है। माइली ने सरकारी नियमों, निर्यात और निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों के रूप में सरकार द्वारा संचालित उद्योगों का निजीकरण करने की अनुमति देने का वादा किया है।
कई सरकारी कंपनियों का निजीकरण करेगी सरकार
उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य देश को पुनर्निर्माण के रास्ते पर ले जाना, लोगों की आजादी और स्वायत्ता को लौटाना और उन नियमों को बदलना है जो देश के आर्थिक विकास को बाधित करते हैं। नए राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार कई सरकारी कंपनियों को निजीकरण के लिए चिह्नित करेगी। इन कदमों में अर्जेंटीना पेसा का पचास फीसदी अवमूल्यन, उर्जा और परिवहन सब्सिडी में कटौती और कुछ सरकार मंत्रालयों को बंद करना शामिल है।
चुनाव प्रचार में किया था अर्थव्यवस्था बड़े बदलाव का वादा
53 वर्षीय माइली अपने आपत्तिजनकर बयानों से टेलीविजन चैनलों की सुर्खियों में रहे हैं। वह एक अर्थशास्त्री और पूर्व राजनीतिक कमेंटेटर रहे हैं, जिन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव का वादा किया था। आर्थिक संकट से निराश अर्जेंटीना की जनता के समर्थन से वह देश के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं।