बुलीविया के पूर्व राष्ट्रपति मोरालेस ने बताया है कि अमरीका ने लैटिन अमरीका को अस्थिर करने के लिए कोशिशें तेज़ कर दी हैं।
एक अमरीकी सीनेटर द्वारा कोलंबिया के राष्ट्रपति कोस्तावो पेट्रो को अमरीका विरोधी बताए जाने पर मोरालेस ने कहा कि वाशिग्टन ने लेटन अमरीकी देशों को कमज़ोर करना शुरू कर दिया है।
निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें
कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो के शपथ ग्रहण समारोह से पहले रिपब्लिकन अमरीकी सीनेटर टेड क्रोज़ ने कहा है कि लैटिन अमरीका के दस देश अमरीका विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि वे इस बात पर एकमत हुए हैं कि अमरीका को अस्थिर किया जाए।
इसी बीच बुलिविया के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि टेड क्रोज़ बुलीविया के 2019 के विद्रोह का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि कितने खेद की बात है कि हमारे देश को अशांति उत्पन्न करने वाला देश बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बुलिविया कोई अमरीका का ग़ुलाम नहीं है।
अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें
मोरालेस के अनुसार हम अपनी संप्रभुता और अखण्डता की रक्षा के लिए संघर्ष करते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि पहले वामपंथी राष्ट्रपति के रूप में गुस्तावो पेट्रो ने कोलंबिया के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की है। उन्होंने देश में अहम बदलाव लाने का वादा किया है।
वैसे भी गुस्तावो पेट्रो की राष्ट्रपति पद पर उपस्थति को कोलंबिया में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि कोलंबिया में होने वाले यह बदलाव इसकी सीमा से बाहर तक अपना प्रभाव डाल सकते हैं।
‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें
ज्ञात रहे कि संयुक्त राज्य अमरीका पिछले कुछ वर्षों से लैटिन अमरीकी देशों में प्रभाव बढ़ाने के साथ ही वहां के संसाधनों का दोहन करने के प्रयास कर रहा है। क्यूबा, निकारागुआ और वेनेज़ोएला वे देश हैं जो अमरीका की विस्तारवादी नीतियों का खुलकर विरोध कर रहे हैं।