29 C
Mumbai
Friday, November 1, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

अल सल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला पहला देश बना

नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे पॉपुलर क्रिप्‍टारेकरेंसी बिटकॉइन है. सेंट्रल अमेरिकी देश अल सल्वाडोर बिटकॉइन को औपचारिक मान्‍यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अल सल्वाडोर कांग्रेस ने 9 जून को देश में दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी तौर पर मान्यता देने वाले बिल को मंजूरी दे दी है. इसका इस्तेमाल अल-सल्वाडोर की आधिकारिक मुद्रा अमेरिकी डॉलर के साथ किया जाएगा.

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें

अल-सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले का कहना है कि बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने से विदेशों में रहने वाले अल सल्वाडोर के नागरिकों के लिए घर पर पैसे भेजना आसान हो जाएगा. इस एक कदम से सल्वाडोर के 70 फीसदी ऐसे लोगों के लिए वित्तीय सेवाएं खुल जाएंगी जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं.

अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति का कहना है कि बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने से विदेशों में रहने वाले सल्वाडोर के नागरिकों के लिए घर पर पैसे भेजना आसान हो जाएगा. विदेशों में काम कर रहे सल्वाडोर के लोग काफी तादाद में करेंसी अपने घर पर भेजते है. इनका देश की कुल जीडीपी में 22 फीसदी हिस्सा है. साल 2020 में कुल $5.9 बिलियन (44250 करोड़ रुपये) देश में भेजा था.

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

बुकेले ने कहा कि बिटकॉइन से लाखों लोगों को फायदा होगा. क्योंकि अमेरिकी डॉलर करेंसी से बिचौलियों को बड़ा फायदा हो रहा है.

जानकारों का कहना है कि क्रिप्‍टो पेमेंट्स को लॉन्‍च करने का मतलब नहीं है कि इसमें सफलता मिलेगी. दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध से निपटने के लिए 2018 में ही पेट्रो नाम से एक क्रिप्‍टोकरेंसी लॉन्‍च की थी. लेकिन पेट्रो से वेनेजुएला को कुछ खास फायदा नहीं हुआ है.

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

अगर अल सल्‍वाडोर द्वारा उठाया जा रहा यह कदम सफल हो जाता है तो दुनिया के मेनस्‍ट्रीम फाइनेंश‍ियल में बिटकॉइन समेत दूसरी क्रिप्‍टोकरेंसी की स्‍वीकार्यता बढ़ जाएगी. हालांकि, अभी भी इसमें लंबी वक्‍त लग सकता है. बता दें कि अमेरिका की फेडरल रिज़र्व अपनी खुद की डिजिटल करेंसी पर र‍िसर्च कर रही है. भारत में आरबीआई इसी दिशा में काम कर रहा है.

Latest news

ना ही पक्ष ना ही विपक्ष, जनता के सवाल सबके समक्ष

spot_img
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here