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काकोरी कस्बे में पुलिस की मिलीभगत से धडल्ले से फल-फूल रहा है सट्टेबाजी का कारोबार । —- रिपोर्ट – श्वेतांक गौरव

लखनऊ (यूपी) काकोरी – राजधानी के थाना काकोरी क्षेत्र के काकोरी कस्बा में पुलिस की मिलीभगत से धड़ल्ले से चल रहा है। सट्टेबाजी का कारोबार काकोरी कस्बा में लगभग 3 से 5 जगहों बनी दुकानों में पुलिस की मिलीभगत से धड़ल्ले से चल रहा है ।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यहाँ के रहनेे वालों ने बताया कि काकोरी कस्बा में अनेकों जगहों पर सट्टेबाजी बहुत ज्यादा मात्रा में हो रही है । वही सूूत्र बताते है। कि काकोरी पुलिस चंद पैसों के लालच में अपना ईमान व स्वाभिमान खो रही है । सट्टेबाजी होने के कारण सट्टेबाजो का धंधा बहुत ही फायदेमन्द सावित हो रहा है, सट्टेबाजो की दिन दुगुनी रात चौगुनी कमाई हो रही है ।

वही गरीब तपके के लोगों के घरों में चुल्हे तक जलने बन्द हो रहे हैै बच्चे भूख से तड़फ रहे हैं  इनको बर्बाद कर रहे हैं सट्टेबाज , चन्द पैसों के चक्कर में काकोरी पुलिस अपना ईमान तो हो खो ही रही है । वही थाना काकोरी का नाम भी डूब रही है । मोहल्ले वालों ने इसकी शिकायत की लेकिन कार्यवाही के नाम पर शून्य बटे सन्नाटा ही हाथ लगा । जबकि लगभग 1 किलोमीटर की दूरी के अन्तर्गत थाना काकोरी वा काकोरी कस्बा चौकी भी है। दोनो होने के बावजूद भी इस पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ हवा हवाई करके छोड दिया जाता है ।

वहीं सट्टेबाजी की दुकानों में अधिकतर मजदूरी करने वाले ही चक्कर में फस कर अपने घरों को बर्बादी की तरफ ले जाने में लगे हैं, 10 लगाकर 200 पाने के चक्कर में मजदूर अपनी मजदूरी भी दिनभर कमाने के बाद वहाँ दांव पर लगा देते है ।और नशे में धुत सट्टेबाजी लगाने चले जाते हैं और अपने आप को बर्बाद तो करते ही हैं, साथ ही उन्हे अपने बीबी बच्चो का जरा भी ध्यान नही रहता है

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सनद रहे यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में ये अपराध के नये – नये स्वरुपो में परिवर्तित होने की प्रबल संभावना है।

– मानवाधिकार अभिव्यक्ति

 

 

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