अमेरिका के शिकागो में 51 वर्षीय भारतीय अमेरिकी डॉक्टर को स्वास्थ्य देखभाल में धोखाधड़ी मामले में दोषी ठहराया गया है। दरअसल, उन पर मेडिकेड और बीमाकर्ताओं को फर्जी सेवाओं के झूठे बिल दिखाकर धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था। डॉक्टर की पहचान मोना घोष के तौर पर की गई है। वह स्त्री रोग सेवाओं में विशेषज्ञता वाली प्रोग्रेसिव वूमेन हेल्थकेयर की मालिक हैं। उन्हें स्वास्थ्य देखभाल धोखाधड़ी के दो मामलों में दोषी ठहराया गया है। उन्हें प्रत्येक मामले में दस साल तक की सजा हो सकती है।
अमेरिका के जिला जज फ्रैंकलिन यू वाल्डेरामा ने सजा के लिए 22 अक्तूबर की तारीख तय की है। आरोपी डॉक्टर ने स्वीकार किया कि वह धोखाधड़ी से प्राप्त 1.5 मिलियन डॉलर से अधिक धनराशि की भरपाई के लिए जवाबदेह थी। अभियोजक पक्ष ने आरोप लगाया कि डॉक्टर घोष धोखाधड़ी से प्राप्त कम से कम 2.4 मिलियन डॉलर की भरपाई के लिए जवाबदेह है। अंतिम राशि अदालत द्वारा सजा सुनाने के दौरान तय की जाएगी।
अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2018 से 2022 तक डॉक्टर घोष ने मेडिकेड, ट्राइकेयर और अन्य बीमाकर्ताओं के समक्ष ऐसे दावे पेश किए, जो चिकित्सकीय रूप से जरूरी नहीं थे। उन्होंने अपने कर्मचारियों से भी फर्जी दावे पेश करवाए। हालांकि, कुछ दावे रोगी की सहमति के बिना पेश किए गए थे। डॉक्टर घोष ने स्वीकार किया कि उन्होंने फर्जी दावों का समर्थन करने के लिए झूठे रोगी चिकित्सा रिकॉर्ड भी तैयार किया था।