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अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप के मन में क्या चल रहा है ?

रिपोर्ट – प्रदीप मांढरे

मध्यप्रदेश – मध्यप्रदेश शासन में मंत्री रह चुके और वर्तमान में मुरैना से सांसद भाजपा नेता अनूप मिश्रा का क्या अपनी पार्टी से मन भर गया है? यह सवाल कल शाम से तेजी से राजनैतिक और मीडिया क्षेत्र से आने लगा, जब ग्वालियर में हुई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुनावी रैली में वह शामिल नहीं हुए।

कुछ रोज पूर्व मुरैना मेें हुई पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की चुनावी रैली में भी अनूप नदाराद थे। उसके पहले टिकट वितरण के दौरान खबरें उड्ी थीं कि वह कांग्रेस में जा रहे हैं क्योंकि पार्टी हाईकमान ने उनका टिकट काट दिया। बाद में उन्होंने स्वयं खण्डन किया था और कहा था कि वह भाजपा में ही रहेंगे।
तब उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें ग्वालियर से उम्मीदवार बना सकती है लेकिन जब संघ की सिफारिश से विवेक शेजवलकर को टिकट दे दिया गया तो अनूप ने पार्टी की सभी गति -विधियों से अपने को अलग कर लिया।

चुनावी युद्व मेें कुछ भी संभव है। ८ मई को ग्वालियर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की आम सभा है। हो सकता है कि अनूप उनके समक्ष भाजपा छोड़़ दें। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे हैं, इस रिश्ते से भी उनकी राजनैतिक हैसियत बढ़ जाती है।
सुना है कि केन्द्रीय महामंत्री संगठन रामलाल ने अनूप से पार्टी प्रचार में ‘एक्टिव’ होने को कहा था।

इधर अनूप के संबंधी और पार्टी के पूर्व ग्रामीण जिलाध्यक्ष जगदीश शर्मा सफाई दे रहे हैं कि अनूप बीमार हैं। डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने को कहा है। लेकिन अनूप की ओर से अभी तक इस प्रकार का बयान नहीं आया कि मैं स्वस्थ होते ही पार्टी के लिए प्रचार करूंगा, भाजपा के प्रति उनकी नाराजगी को दर्शाता है।

अनूप यह भी जानते ही होंगे कि उनके इस आचरण पर चुनाव बाद पार्टी उन्हें अनुशासनात्मक नोटिस देगी ही, इसलिए अभी से वह अपना राजनैतिक पुनर्वास जरूर करने का प्रयास कर रहे होंगे।

मोदी -शाह की जोड़ी पर सब आरोप लगाते ही रहे हैं कि भाजपा अब अटल जी वाली पार्टी नहीं रही, फिर अटल जी के रिश्तेदारोंं का मोदी की भाजपा से मोहभंग होना स्वाभाविक ही है।

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