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इमरान खान को तोशाखाना मामले में हाईकोर्ट से राहत, रद्द किया निचली अदालत के फैसले को

पाकिस्तान के एक उच्च न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को राहत दी है। अदालत ने निचली अदालत के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के लिए तोशाखाना मामले की विचारणीयता को बरकरार रखा गया था। 

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने सरकारी उपहारों की बिक्री के मामले में एक जिला अदालत द्वारा मुकदमा चलाए जाने के खिलाफ खान की कई याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने शुक्रवार को सत्र अदालत को मामले की नए सिरे से सुनवाई के बाद फिर से विचारणीयता के मामले पर फैसला करने का भी आदेश दिया।

देश के सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमे की कार्यवाही के खिलाफ खान की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन पर सरकारी भंडार से अपने पास रखे गए उपहारों का विवहरण छिपाने का आरोप है। 

तोशाखाना मामले में याचिका खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने की मांग करने वाला आवेदन इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चल रहा है। अदालत ने उम्मीद जताई कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय कानून के अनुसार फैसला करेगा। तोशखाना, कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है और शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य सरकारों और राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दिए गए कीमती उपहारों को संग्रहीत करता है।

खान को मिले सरकारी उपहारों की बिक्री को लेकर तोशाखाना राष्ट्रीय राजनीति में तब बड़ा मुद्दा बन गया जब पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने ‘झूठे बयान और गलत घोषणा’ करने के लिए खान को अयोग्य करार दे दिया। इस्लामाबाद की एक सत्र अदालत ने पिछले महीने घोषणा की थी कि खान के खिलाफ ईसीपी का मामला सुनवाई योग्य है, जिसे इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।

नोटिस के बावजूद ईसीपी के समक्ष पेश नहीं हुए इमरान
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान पार्टी के भीतर चुनाव कराने में पार्टी की विफलता पर अंतिम नोटिस दिए जाने के बावजूद शुक्रवार को चुनाव आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के मुताबिक चुनाव आयोग ने खान को इस चेतावनी के साथ तलब किया कि अगर वह आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए तो उनकी पीटीआई पार्टी को भविष्य में होने वाले चुनावों के लिए चुनाव चिह्न हासिल करने के अयोग्य घोषित किया जा सकता है।

खबर में कहा गया है, ‘खान नोटिस दिए जाने के बावजूद शुक्रवार को पाकिस्तान चुनाव आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए।’ ईसीपी ने धारा 209 (1) का हवाला देते हुए शुक्रवार को कहा कि प्रत्येक पंजीकृत राजनीतिक दल को पार्टी के भीतर चुनाव कराने के बारे में आयोग को प्रमाण पत्र देना होता है। खबर में कहा गया है कि पीटीआई के भीतर पार्टी के संविधान के तहत 13 जून, 2021 को चुनाव होने थे। हालांकि, यह आयोजित नहीं किया गया था।

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