पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को दूसरी बार पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में उनके खिलाफ निचली अदालत की आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) का दो बार दरवाजा खटखटाने के बावजूद पीटीआई पार्टी के प्रमुख खान को सरकारी उपहारों का विवरण छिपाने से संबंधित मामले में राहत नहीं मिली थी।
न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को सुनवाई की। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वकील ख्वाजा हारिस ने अदालत को बताया कि निचली अदालत ने गवाहों को पेश करने का आदेश दिया है और अगर वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो बचाव का अधिकार खत्म हो जाएगा। हारिस ने अदालत से कहा, ‘इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने चार याचिकाओं पर संज्ञान लिया लेकिन रोक का आदेश नहीं दिया।’
खबर के मुताबिक, न्यायमूर्ति अफरीदी ने पीटीआई प्रमुख के वकील से मामले के बारे में ‘और सोचने’ का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘सर्वोच्च न्यायालय से आदेश जारी कराने के बजाय उच्च न्यायालय के निर्देशों का इंतजार करना बेहतर होगा।’ उन्होंने कहा, ‘आपका आवेदन अप्रभावी हो गया था, लेकिन हमने फिर भी इस पर विचार किया और आदेश जारी किए। हम स्थिति को समझते हैं। हमें उम्मीद थी कि उच्च न्यायालय आपके लिए बेहतर आदेश जारी करेगा।’
पीठ ने कहा, ‘आपने जो राहत मांगी थी, हम पहले ही (पिछली सुनवाई में) दे चुके हैं। मैं हैरान हूं कि आपने अब भी उच्चतम न्यायालय का रुख किया।’ खबर में कहा गया है कि न्यायाधीश के कहने पर हारिस ने अदालत को यह भी बताया कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय बृहस्पतिवार को इस मामले पर सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति अफरीदी ने कहा, ‘हमारे आदेशों में कहा गया था कि उच्च न्यायालय को सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करनी चाहिए।’
उन्होंने पीटीआई प्रमुख और उनकी कानूनी टीम को उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करने की सिफारिश करते हुए कहा, ‘शायद आप हमसे जो राहत चाहते हैं, वह आपको इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से मिलेगी।’ पिछले सप्ताह शीर्ष अदालत ने खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। इसके बजाय उसने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से पीटीआई अध्यक्ष द्वारा दायर लंबित याचिकाओं पर फैसला करने का आग्रह किया।
शीर्ष अदालत के समक्ष सोमवार को दायर अपनी याचिका में खान ने धारा 342 के तहत अपना बयान दर्ज करने पर रोक लगाने की अपील की। याचिका में कहा गया है कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर के समक्ष चल रहे मुकदमे को तब तक के लिए रोक दिया जाना चाहिए जब तक कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय इस मामले पर अपना अंतिम फैसला नहीं सुना देता। यह मामला इन आरोपों से जुड़ा है कि खान ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान तोशाखाना से अपने पास रखे गए उपहारों का विवरण जानबूझकर छिपाया और उनकी कथित बिक्री से आय अर्जित की।