समलैंगिक विवाह से जुड़े मामले पर जापान हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसमें अदालत ने समलैंगिक विवाह पर रोक को असंवैधानिक करार दिया गया है। गौरतलब है कि इस कदम से जापानी सरकार पर समलैंगिक जोड़ों की सुरक्षा के लिए और अधिक प्रयास करने का दबाव बढ़ने की संभावना है।
साप्पोरा हाईकोर्ट ने 2021 में निचली अदालत के ऐतिहासिक फैसले को बरकरार रखा। जिसमें कहा गया था कि समलैंगिक विवाह को मान्यता न देना संविधान के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन है। गौरतलब है कि जापान में समलैंगिक जोड़े विवाह को लेकर लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
समलैंगिक विवाह पर बैन समानता के अधिकार का उल्लघंन- कोर्ट
बता दें समलैंगिक विवाह की अनुमति देने में सरकार पर सवाल उठाने वाले पांच जिला अदालतों में दायर छह मुकदमों में से एक का पहला फैसला हाईकोर्ट ने सुनाया। अदालत ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 24 को समान लिंग के व्यक्तियों के बीच विवाह की गारंटी के रूप में समझा जा सकता है।
हालांकि मामले में सुनवाई के दौरान जापानी सरकार ने तर्क दिया है कि संविधान में ‘विवाह’ शब्द केवल विपरीत लिंग के जोड़ों के बीच माना गया है। विशेष रूप से जापान सात समूह (जी7) का एकमात्र प्रमुख औद्योगिक देश बना हुआ है, जिसने एलजीबीटी समुदाय और उसके समर्थकों के बढ़ते दबाव के बावजूद समलैंगिक विवाह को वैध नहीं बनाया है।