रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
इस्राईल ने हमेशा अमरीका को ईरान से भिड़ाने का प्रयास किया किंतु हर बार उसे विफलता मिली। इस आलेख में इस्राईल की चिंता को उसके एक जनरल ने बयान किया है।
विदेश – इस्राईल, सऊदी अरब और यूएई यह मानने पर तैयार नहीं हैं कि अमरीका को ईरान पर हमले के लिए तैयार करने की उनकी कोशिश बुरी तरह नाकाम हो चुकी है क्योंकि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प साफ कह चुके हैं कि वह ईरान के सिलसिले में राजनीतिक समाधान में विश्वास रखते हैं न कि सैनिक समाधान में। इन सब के बावजूद एक वरिष्ठ इस्राईली जनरल ने ईरान के साथ युद्ध की संभावना की ओर से चेतावनी दी है और इस इस्राईली जनरल के अनुसार अगर युद्ध हुआ तो वह बेहद भयानक होगा।
इस्राईल की ” इस्राईल हायूम” पत्रिका से एक बात चीत में इस्राईली सेना के खुफिया विभाग में रिसर्च डिवीजन के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल डीरर शालूम ने कहा है कि हालिया दिनों वह खतरे की घंटी की आवाज़ ज़्यादा तेज़ सुन रहे हैं और डेढ़ साल से इधर, युद्ध के धमाके की आंशका बहुत अधिक बढ़ गयी है और यह सब कुछ ईरान की वजह है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम से लेकर, सीरिया और इराक़ में पैर मज़बूत करने की कोशिश, हिज़्बुल्लाह को आधुनिक हथियार और मिसाइल देने के प्रयासों तक सब कुछ ईरान से संबधिंत है।
ब्रिगेडियर जनरल डीरर शालूम ने कहा कि ईरान के परमाणु मामले में तीन स्थिति हो सकती है, पहली यह कि वाशिंग्टन तेहरान के साथ एक नया परमाणु समझौता कर लेगा जो अतीत के समझौते से काफी अलग होगा लेकिन हो सकता है कि उसमें इस्राईल की सारी इच्छाएं पूरी न की गयी हों। दूसरी स्थिति यह है कि फार्स की खाड़ी में तनाव बढ़ता जाए यहां तक कि अमरीका को जवाबी कार्यवाही के लिए मजबूर होना पड़े। इस दशा में हसन नसरुल्लाह हस्तक्षेप पर मजबूर हो जाएंगे वह भी इस्राईल के खिलाफ कार्यवाही शुरु कर सकते हैं। तीसरी स्थिति यह हो सकती है कि ईरान अपनी परमाणु शक्ति बढ़ाने लगे और परमाणु समझौते से पूरी तरह से निकल जाए। ईरान को परमाणु बम बनाने का फैसला करने के बाद बम बनाने में दो साल का समय लगेगा।
इस्राईली सेना के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल डीरर शालूम ने कहा कि आज मैं बेहद बेचैन हूं क्योंकि परिस्थितियों अस्पष्ट हैं और बड़ी तेज़ी से बदल रही हैं जिसकी वजह से हमें अधिक सतर्क रहने की ज़रूरत है क्योंकि ईरान एक बेहद चालाक दुश्मन है और मुझे इसकी वजह से बेहद चिंता है।
उन्होंने कहा कि ईरानी जनरल, क़ासिम सुलैमानी, बेहद ठोस इरादे वाले व्यक्ति हैं, वह हमेशा सीखते रहते हैं, विश्वास के साथ क़दम बढ़ाते हैं और आगे बढ़ते रहते हैं। वह हम से टकराने के लिए अपनी ताक़त बढ़ा रहे हैं और वास्तव में इस्राईल के खिलाफ अभियान का नेतृत्व ही जनरल सुलैमानी के हाथों में है।
इस्राईली सेना के खुफिया विभाग में रिसर्च डिवीजन के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल डीरर शालूम ने कहा कि इराक़ में जो हालात पैदा हुए उनसे जनरल सुलैमानी ने जमकर फायदा उठाया और वहां पर अपने घटकों और मित्रों के पैर जमाने में मदद की। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने इराक़ में हमारे ही नहीं बल्कि सऊदी अरब के खिलाफ भी एक मोर्चा बना लिया और मेरे विचार में ईरान, इराक़ से इस्राईल को निशाना बना सकता है और यह निश्चित रूप से एक अच्छा विकल्प होगा क्योंकि इस तरह से ईरान इस्राईल पर धरती से पर मार करने वाले मिसाइलों और लंबी उड़ान भरने वाले ड्रोन विमानों का प्रयोग करने में सफल हो जाएगा।
ब्रिगेडियर जनरल डीरर शालूम ने कहा कि ईरान को भारी चोट पहुंचायी गयी है लेकिन वह खड़ा हुआ है और घुटने नहीं टेक रहा है बल्कि अपनी शक्ति बढ़ा रहा है और एक बार जिस काम में विफल होता है उसी काम को दोबारा सफलता से अंजाम देता है।
उन्होंने कहा कि मेरे ख्याल में हम युद्ध के मुहाने के निकट हो रहे हैं और खुफिया एजेन्सी के अधिकारी के रूप में मेरा कर्तव्य है कि इस अवसर पर अपनी पूरी शक्ति के साथ काम करें और ईरान के साथ अगले साल युद्ध अधिक भयानक होगा।
याद रहे इस्राईल के चैनल -12 ने अपनी एक रिपोर्ट में वरिष्ठ सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस्राईली खुफिया एजेन्सी, मोसाद ने जनरल क़ासिम सुलैमानी का नाम हत्या के लिए ” हिट लिस्ट” में शामिल कर दिया है जिसे मोसाड के पूर्व प्रमुख तामीर बार्दो ने नियोजित हत्या विभाग का नाम दिया था।