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क्या नेतेन्याहू ने सऊदी अरब की यात्रा की? एक संदिग्ध विमान की तेलअबीब से रियाज़ उड़ान… फिलिस्तीन व अरब जगत में हंगामा… कौन था उस रहस्मय विमान में ?

रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी

विदेश – आज कल फिलिस्तीन में इस बात पर चर्चा गर्म है कि खुफिया रूप से तेलअबीब से सऊदी अरब की राजधानी रियाज़ उड़ान भरने वाले विमान में कौन था? इस विमान ने इस्राईल की राजधानी तेलअबीब से उड़ने के बाद जार्डन की राजधानी में दो मिनट रुका और फिर रियाज़ के लिए उड़ान भरी।

इस विमान की खुफिया उड़ान के बाद यह शंका बढ़ गयी है कि इस्राईली प्रधानमंत्री नेतेन्याहू सहित कुछ इस्राईली वरिष्ठ अधिकारियों ने सऊदी अरब की यात्रा की है।

कुछ फिलिस्तीनी सूत्रों ने बताया है कि तेल अबीब के बेन गोरियन हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाला यह विमान, रियाज़ पहुंचा जिस पर संभावित रूप से इस्राईली प्रधानमंत्री नेतेन्याहू और इस्राईली खुफिया एजेन्सी मोसाद के प्रमुख यूसी कोहन हो सकते हैं। इस वक्त अमरीका के रक्षा मंत्री भी सऊदी अरब में ही मौजूद हैं।

इस्राईली समाचार पत्र यरुश्लम पोस्ट ने लिखा है कि अमरीका में रजिस्टर्ड एक चैलेंजर 604 प्राइवेट जेट ने बेन गोरियन हवाई अड्डे से उड़ान भरी और अम्मान एयरपोर्ट पर दो मिनट रुकने के बाद सऊदी अरब चला गया और रियाज़ के हवाई अड्डे पर एक घंटा खड़े रहने के बाद इस्राईल लौट आया।

इस्राईली समाचार पत्र ने लिखा है कि हालिया महीनों में इस विमान ने तेलअबीब से क़ाहिरा के मध्य दसियों बार उड़ान भरी है।

इस्राईली समाचार पत्र हारित्ज़ के एक पत्रकार ने सब से पहले इस खुफिया उड़ान का राज़ खोला और कहा कि इसका सीधा संबंध, अमरीकी रक्षा मंत्री की सऊदी अरब की यात्रा से है।

इस्राईल के ही मआरियो समाचार पत्र के वरिष्ठ पत्रकार यूसी मेलन ने इस बात की संभावना प्रकट की है कि अमरीकी रक्षा मंत्री की सऊदी अरब में उपस्थिति और इस खुफिया उड़ान का एक दूसरे से संबंध हो सकता है और इस बात की बहुत संभावना है कि इस विमान में वरिष्ठ इस्राईली अधिकारी और संभावित रूप से नेतेन्याहू मौजूद रहे हों।

हालिया वर्षों में सऊदी अरब और इस्राईल के बीच खुफिया संबंधों  की खबरें अक्सर आती रहती हैं।

कहा जा रहा है कि यह खुफिया यात्रा का उद्देश्य, अमरीकी रक्षा मंत्री की उपस्थिति में क्राउन प्रिंस बिन सलमान और मोसाद के प्रमुख यूसी कोहन के मध्य भेंट था और इस त्रिपीक्षीय बैठक में चर्चा का सब से महत्वपूर्ण विषय सीरिया की परिस्थितियां थीं।

इस्राईली प्रधानमंत्री नेतेन्याहू भी खुल कर कह चुके हैं कि कई अरब देशों से इस्राईल के संबंध हैं लेकिन उन्होंने अभी तक इन देशों का नाम नहीं बताया।

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