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गैंगरेप का मुख्य आरोपित गिरफ्तार

रिपोर्ट-मो०कासिम

न्यूज डेस्क(उत्तर प्रदेश)औरैया: जनपद औरैया के एरवाकटरा थानाध्यक्ष ने उमरैन कांड के मुख्य आरोपित रनवीर उर्फ प्रियंकम बाथम को गिरफ्तार कर लिया। एफआईआर दर्ज करने के नौंवे दिन वह पुलिस के हत्थे चढ़ा। बता दे कि 31 जुलाई को थाना क्षेत्र निवासी एक किशोरी फांसी पर लटकती पाई गई थी। जिससे आनन फानन में परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया। हालत नाजुक होने के चलते उसे सैफई रेफर कर दिया गया था। आठ दिन बाद परिजन एरवाकटरा थाने पहुंचे और किशोरी के साथ गैंगरेप कर फांसी पर लटकाने की तहरीर दी। मगर स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। मामले को जब आपके अपने हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। तब मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया। अधिकारियों के जवाब तलब पर तत्कालीन एसओ ने उनको गुमराह कर दिया। हालांकि, मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी सुनीति ने एकदरोगा को सैफई भेजकर बयान दर्ज कराने का आदेश दिया। मगर उस दरोगा ने बयान दर्ज करने में भी मनमानी की। पीड़ित किशोरी के पिता का आरोप था कि दरोगा ने खुद ब खुद बयान दर्ज कर लिया। और उससे उस पर अगूंठा लगवा लिया। उसमें क्या लिखा है पढ़कर सुनाया भी नहीं। हालत खराब होने के चलते दो दिन बाद ही किशोरी की इलाज के दौरान सैफई में मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर कस्बे में आए और जाम लगाने की कोशिश की। आनन फानन में कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। सीओ बिधूना ने कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया। अगले ही दिन एसपी सुनीति ने एएसपी कमलेश दीक्षित से मामले की जांच कराई। जांच में पाया गया कि चौकी इंचार्ज ने घटना की जानकारी अधिकारियों को न देकर भयंकर लापरवाही की है। इसके साथ ही तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करने के बजाय पीड़ित को टकराया गया। जिसको लेकर एसपी सुनीति ने एसओ व चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया था। थाने की जिम्मेदारी राजेश सिंह चौहान को सौंपी गई है। सोमवार को थानाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने बताया कि अन्य तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में उनकी संलिप्तता की जांच करके उनपर कार्रवाई की जाएगी।

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