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Tuesday, May 7, 2024

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हार गयी मौत के आगे पीडिता की जीने की चाहत, उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मौत

नई दिल्ली – उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई है। पीड़िता ने रात 11 बजकर 40 मिनट पर दम तोड़ा। इलाज के दौरान पीडि़ता ने अपने भाई से और डॉ. सुनील गुप्ता से पूँछा कि “मैं बच तो जाऊंगी मैं जीना चाहती हूँ आरोपियों को फाँसी में झूलते देखना चाहती हूँ” उक्त पीड़िता के 95 फीसदी जलने के बाद उसे उन्नाव से लखनऊ, फिर लखनऊ से दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया था। उसे बचाने की डॉक्टरों की सभी कोशिशें नाकाम रहीं।

बता दें कि जेल से छूटे रेप के आरोपियों ने तीन दिन पहले पीड़िता को जिंदा जलाकर मारने की कोशिश की थी। जानकारी के मुताबिक पीड़िता के पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिवार वालों को सौंप दिया जाएगा। कहा जा रहा है पीड़िता के शव को एयरलिफ्ट कर उन्नाव लाया जाएगा। सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट सुनील गुप्ता ने बताया कि पीड़िता के शव का पोस्टमार्टम सुबह 10 बजे डॉ. एमके वाही की अध्यक्षता में होगा। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता का भाई उसके साथ अस्पताल में ही मौजूद था और अंतिम वक्त में उसके साथ ही रहा।

जब बहन की मौत के बारे में उससे मीडिया ने सवाल किया तो उसने कहा कि, ‘मेरे पास सच में कुछ कहने को नहीं है। मेरी बहन अब हमारे साथ नहीं है, मेरी सिर्फ एक ही मांग है कि पांचों आरोपियों को मौत की सजा ही मिलनी चाहिए और कुछ नहीं।’ पीड़िता के बाद अब परिवार आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहा है। पीड़िता के पिता ने कहा, ‘आरोपियों का हैदराबाद की तरह एनकाउंटर हो। इन्हें दौड़ा कर गोली मारी जाए या फिर फांसी पर लटका दिया जाए। हमें जान के बदले जान चाहिए। पीड़िता के पिता ने कहा कि मुझे प्रशासन ने बेटी की मौत की खबर नहीं दी। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने हमें भी जान से मारने की धमकी दी है।’

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक विभाग के प्रमुख डॉक्टर शलभ कुमार के मुताबिक, रात 8.30 बजे से ही पीड़िता की हालत बिगड़ने लगी। पीड़िता को बचाने के लिए दवा की डोज बढ़ाई गई, लेकिन रात 11.40 मिनट दिल का दौरा पड़ने की वजह से उसने दम तोड़ दिया। वहीं, हॉस्पिटल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि पीड़िता लगातार अपने भाई से कह रही थी कि आरोपियों को मत छोड़ना।

बेटी के माता-पिता भी हैदराबाद एनकाउंटर जैसा इंसाफ चाहते हैं। कहते हैं, मेरी बेटी भी उन्हीं हालात से गुजरी है। उसके गुनहगारों को भी वैसी ही सजा मिलनी चाहिए। ऐसा सबक सिखाने से ही हैवानियत रुकेगी। ऐसी कार्रवाई ही वहशियों में खौफ पैदा करेगी। गुरुवार को हैवानियत से पहले मुख्य आरोपित शिवम त्रिवेदी ने पीडि़ता के गंगाघाट निवासी चाचा को भी जान से मारने की धमकी दी थी। ऑडियो वायरल होने पर गंगाघाट कोतवाली में डीएम व एसपी ने चाचा से बात की।

डीएम ने कहा कि धमकी जैसी बात नहीं है। चाचा के साथ मध्यस्थता का रास्ता निकालने के लिए आरोपित ने एक रिश्तेदार को कहा था। इनकी शुक्रवार को बात होनी थी पर इसके पहले ही घटना हो गई। इससे पहले पीड़िता ने एसडीएम दयाशंकर पाठक के सामने दिए बयान में बताया था कि वह मामले की पैरवी के लिए रायबरेली जा रही थी। जब वह गौरा मोड़ के पास पहुंची थी तभी पहले से मौजूद गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी और रेप के आरोपित शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने उस पर हमला कर दिया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।

पुलिस के मुताबिक पीड़िता अधजली अवस्‍था में काफी दूर तक दौड़ कर आई। प्रत्‍यक्षदर्शियों ने जब उसे देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को पहले सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र भेजा जहां से उसे जिला अस्‍पताल रेफर किया गया। बाद में जिला अस्‍पताल के डॉक्‍टरों ने उसकी स्थिति गंभीर देखते हुए लखनऊ के लिए रेफर कर दिया था, जहां से उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि शिवम और शुभम त्रिवेदी ने दिसंबर 2018 में उसे अगवा कर उससे गैंगरेप किया था। हालांकि इस संबंध में प्राथमिकी मार्च में दर्ज की गई थी।

उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को जलाने के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। मामले के 5 आरोपियों को शुक्रवार रात अदालत से जेल ले जाया गया। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

साभार इन्सटेन्ट खबर

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