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ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी : 1 अक्टूबर से हो गये हैं बदलाव

नई दिल्ली: गाड़ी चलाते समय साथ में RC और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे डॉक्‍युमेंट की हार्ड कॉपी रखने की टेंशन अब खत्‍म होने वाली है. अब आप वीइकल से जुड़े इन डॉक्‍युमेंट्स की सिर्फ वैलिड सॉफ्ट कॉपी लेकर भी गाड़ी चला सकते हैं. जांच के दौरान ये पूरी तरह मान्‍य होंगे, यानी हार्ड कॉपी दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. साथ ही ड्राइविंग के दौरान रूट देखने के लिए अब मोबाइल का भी इस्‍तेमाल कर पाएंगे. दरअसल, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन नियम 1989 में किए गए ऐसे विभिन्न संशोधनों की अधिसूचना जारी कर दी है, जो 1 अक्‍टूबर से लागू हो जाएंगे.

सरकार ने कहा है कि 1 अक्टूबर 2020 से ड्राइविंग लाइसेंस और ई-चालान सहित वाहन से जुड़े तमाम दस्तावेज का रखरखाव (maintenance of vehicular documents) एक आईटी पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा. जांच के दौरान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से वैध पाए गए वीइकल डॉक्युमेंट्स के बदले फिजिकल डॉक्युमेंट्स (हार्ड कॉपी) की मांग नहीं की जाएगी. साथ ही कहा गया है कि लाइसेंसिंग अथॉरिटी द्वारा अयोग्य या निरस्त किए गए ड्राइविंग लाइसेंस की डीटेल्‍स पोर्टल पर रिकॉर्ड की जाएगी और इसे अपडेट भी किया जाएगा.

नए नियमों में इस बात का भी प्रावधान किया गया है कि गाड़ी चलाते समय सिर्फ रूट नेविगेशन (रास्‍ता देखने के लिए) के लिए हाथ में मोबाइल या इसके जैसे डिवाइस का इस्‍तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह भी सुनिश्‍चित करना होगा कि ड्राइवर का ध्‍यान न भटके. हालांकि, ड्राइविंग के दौरान फोन पर बात करने की छूट नहीं है, यानी पहले की तरह 1 अक्‍टूबर से भी ड्राइविंग करते समय मोबाइल से बात करने पर एक हजार से पांच हजार रुपये तक जुर्माना लग सकता है. 

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने बयान में कहा, ‘सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वीइकल रूल्‍स 1989 में किए गए विभिन्न संशोधनों के बारे में अधिसूचना जारी की है, जिसमें मोटर वीइकल रूल्‍स की बेहतर निगरानी और क्रियान्वयन के लिए 1 अक्टूबर 2020 से पोर्टल के माध्यम से वाहन संबंधी दस्तावेज और ई-चालान का रखरखाव किया जा सकेगा.’

खत्‍म होगा वाहन चालकों का उत्पीड़न
मंत्रालय ने कहा है कि आईटी सर्विस और इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग के उपयोग से देश में यातायात नियमों को बेहतर ढंग से लागू किया जा सकेगा. साथ ही इससे वाहन चालकों का उत्पीड़न दूर होगा और लोगों को सुविधा होगी.

पोर्टल पर सब होगा रिकॉर्ड
पोर्टल पर फिजिकल और इलेक्ट्रॉनिक रूप से सर्टिफिकेट पाने व उपलब्ध कराने की प्रक्रिया के प्रावधान किए गए हैं. इस तरह के दस्तावेज की वैलिडिटी, उसे जारी किया जाना, उसकी जांच किए जाने की डेट-टाइम की मुहर और अधिकारी की पहचान इस पोर्टल पर रिकॉर्ड की जाएगी. इससे वाहनों की अनावश्यक दोबारा जांच रोकने में मदद मिलेगी, जिससे ड्राइवरों का उत्‍पीड़न बंद होगा.

नए नियमों में यह प्रावधान किया गया है कि यदि इनफोर्समेंट ऑफिसर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दस्तावेज के विवरण को वैध पाता है, तो जांच के लिए उन दस्‍तावेज को फिजिकल फॉर्म (हार्ड कॉपी) में नहीं मांगा जाएगा. इसमें ऐसे मामले भी शामिल हैं, जिनमें किसी अपराध की वजह से दस्तावेज को जब्‍त किया जाना है.

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