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पुलिस द्वारा बेटे की पिटाई, सदमें में पिता की मौत

सेवानिवृत्त लेखपला की मौत पर रोती उसकी पत्नी सरोज और बेटियां। संवाद

सेवानिवृत्त लेखपाल की मौत पर रोते बिलखते

रिपोर्ट,रविशंकर तिवारी

कन्नौज (यूपी) मायके में रह रही विवाहिता की तहरीर पर सरायमीरा चौकी पुलिस ने युवक को दरवाजे पर पीटा और विरोध करने पर सेवानिवृत्त लेखपाल पिता से अभद्रता की। मुकदमा दर्ज किए बिना ही युवक को कोतवाली के हवालात में बंद कर दिया। सदमे में पिता की मौत हो गई, गुस्साए परिजन कोतवाली में शव रखकर हंगामा कर दिया। मामले को तूल पकड़ता देख पुलिस ने लॉकअप से युवक को छोड़कर जांच का आश्वासन देकर परिजनों को शांत किया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।विज्ञापनnullकानपुर देहात जिले के रसूलाबाद थाना क्षेत्र के रायपुर गांव के मूल निवासी बैजनाथ कठेरिया शहर के हौदापुर्वा में रहते थे। परिवार में सरोज, बेटे बृजेश, गणेश, बेटियां गीता, आरती और नंदनी हैं। सदर तहसील में लेखपाल रहे बैजनाथ वर्ष 2018 में सेवानिवृत्त हो गए थे। उन्होंने बेटे बड़े बृजेश की शादी 15 फरवरी 2019 को कानपुर नगर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र के मालो गांव निवासी कमलेश कुमार की बेटी कोमल से की थी। पति से अनबन होने पर कोमल चार महीने के बेटे को लेकर मायके चली गई थी। 
रविवार को उसने शहर कोतवाली की सरायमीरा चौकी में पति बृजेश के खिलाफ उत्पीड़न की तहरीर दी थी। गुरुवार को चौकी पुलिस बृजेश के घर पहुंची। परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने बृजेश को दरवाजे पर पीटा। सरोज ने बताया कि पति बैजनाथ ने पिटाई पर ऐतराज जताया तो पुलिसकर्मियों ने उनके साथ भी अभद्रता की। बेटे के की पिटाई देख सदमे में आए बैजनाथ ने खाना भी नहीं खाया। शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे वह बेटे को छुड़ाने कोतवाली गए थे लेकिन सफलता नहीं मिली। घर आकर वह सदमे में बेहोश हो गए। पत्नी और बेटा गणेश उन्हें मेडिकल कालेज तिर्वा ले गया, जहां इलाज के दौरान बैजनाथ की मौत हो गई। 
परिवार के लोग शव लेकर कोतवाली पहुंचे और पुलिस पर कार्रवाई को लेकर हंगामा कर दिया। मामला बढ़ता देख पुलिस ने हवालात में बंद बृजेश को छोड़ दिया। कोतवाल ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया। इसके बाद बैजनाथ के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। सरायमीरा चौकी प्रभारी कमल भाटी का कहना है कि कोमल ने पति से जान का खतरा बताया था। गुरुवार को उसने मां के साथ कोतवाली जाकर कार्रवाई की मांग की थी। 
इससे बृजेश को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। उसे हवालात में नहीं बंद किया गया और न ही मारपीट की गई। 
सीओ सदर शिव प्रताप सिंह का कहना है कि हिरासत में लेकर बृजेश को पुलिस समझा रही थी कि वह पत्नी के साथ मारपीट न करे। वह किसी की बात नहीं मान रहा था। इससे कार्यालय में बैठाया गया था। बिना रिपोर्ट दर्ज के किसी को भी हवालात में नहीं डाला जाता है। परिजन गलत आरोप लगा रहे हैं फिर भी जांच कराई जाएगी। 
वीडियो बनाने पर मामा को हवालात में बंद किया
कोतवाली में बैजनाथ का शव रखकर परिजनों ने बृजेश के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने और उसे पिता के अंतिम संस्कार के लिए छोड़ने की मांग की। परिवार का आरोप है कि इस पर पुलिसकर्मियों ने गाली-गलौज शुरू कर दी। इस पर बृजेश के रसूलाबाद निवासी मामा श्रीकृष्ण वीडियो बनाने लगे। इस पर पुलिसकर्मियों ने उनका मोबाइल छीनकर हवालात में डाल बंद कर दिया। 
खो गई हवालात की चाभी, ताला तोड़ा
पिता की मौत की जानकारी होने पर हवालात में बंद बृजेश रोने लगा। उधर परिजनों का हंगामा बढ़ता देख कोतवाल विकास राय ने बृजेश को छोड़ने के लिए कहा लेकिन कार्यालय में हवालात की चॉबी खो गई। सिपाहियाें और होमगार्ड ने हवालात का ताला तोड़कर बृजेश को बाहर निकाला। पिता का शव देखते ही वह बेहोश हो गया। परिवार के लोग बृजेश को लेकर घर आ गए। कोतवाल ने बृजेश के घर के पास निगरानी के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया है।

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