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भारत मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का करेगा निर्यात

भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन निर्यात करने का फैसला ले लिया गया है। हालांकि ट्रम्प कह चुके हैं कि उनके व्यक्तिगत अनुरोध के बावजूद अगर भारत, हाइड्रोक्सीलक्लोरोक्वीन का निर्यात नहीं करता है तो अमेरिका जवाबी कार्रवाई कर सकता है।

पीटीआई के अनुसार भारतीय अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मदद करने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप यह फैसला किया गया है।

ज्ञात रहे कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आगाह किया है कि उनके व्यक्तिगत अनुरोध के बावजूद अगर भारत, हाइड्रोक्सीलक्लोरोक्वीन का निर्यात नहीं करता है तो अमेरिका जवाबी कार्रवाई कर सकता है।  उन्होंने कहा कि उन्हें हैरानी होगी अगर भारत मेरी बात नहीं मानता है क्योंकि अमेरिका से उसके अच्छे संबंध हैं।

इसी बीच भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि भारत का रुख हमेशा से यह रहा है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एकजुटता एवं सहयोग दिखाना चाहिए। इसी नजरिए से हमने अन्य देशों के नागरिकों को उनके देश पहुंचाया है।” उन्होंने इस विषय पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘वैश्विक महामारी के मानवीय पहलुओं के मद्देनजर, यह तय किया गया है कि भारत अपने उन सभी पड़ोसी देशों को “पेरासिटामोल” और एचसीक्यू (हाइड्रोक्लोरोक्वीन) को उचित मात्रा में उपलब्ध कराएगा जिनकी निर्भरता भारत पर है।”  उन्होंने कहा कि भारत को अपने निकटतम पड़ोसियों श्रीलंका और नेपाल के अलावा कई अन्य देशों से भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति को लेकर अनुरोध प्राप्त हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने भारत ने उस समय हाइड्रोक्सीलक्लोरोक्वीन के निर्यात पर रोक लगा दी थी जब उसके अनुसार ऐसी खबरें आई थीं कि कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है।

साभार पी.टी.

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