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दिल्ली – मलेरिया रोधी दवा ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ के निर्यात करने की मंजूरी देने को लेकर कांग्रेस देश की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर है। उसका कहना है कि देशवासियों के स्वास्थ्य के प्रति सरकार ने गैर-जिम्मेदाराना रवैया दिखाया है।
दरअसल, भारत अपने उन सभी पड़ोसी देशों को पेरासिटामोल और एचसीक्यू (हाइड्रोक्लोरोक्वीन) उपलब्ध करवाएगा जिनकी निर्भरता उसके ऊपर है।
कांग्रेस ने शुक्रवार (10 अप्रैल) को ट्वीट करते हुए कहा, ‘नमस्ते ट्रंप के समय पूरे विश्व में कोरोना के हो रहे प्रसार को देखते हुए सतर्कता बरती होती तो आज भारत इतने नाजुक दौर से नहीं गुजरता। अब केंद्र सरकार ने देशवासियों के स्वास्थ्य के प्रति गैर-जिम्मेदाराना रवैया दिखाते हुये HCQ के निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया।’
उसने कहा, ‘एक रिपोर्ट के अनुसार वित वर्ष 2021 में भारत की जीड़ीपी 1.6 प्रतिशत तक गिर सकती है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि अर्थव्यवस्था को इस नाजुक स्थिति से उबारने लिये क्या कदम उठाये जायेंगे? हमारी अर्थव्यवस्था की कौन चिंता कर रहा है?’
आपको बता दें, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का अमेरिका को निर्यात करने की मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और शानदार शख्स बताया। इस दवा को कोरोना वायरस के इलाज में कारगर माना जा रहा है। ट्रम्प ने पिछले हफ्ते फोन पर हुई बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी से मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली यह दवा भेजने का अनुरोध किया था।
वहीं मलेरिया की दवा (हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन HCQ) पर भारत द्वारा बैन हटाकर बाकी देशों में निर्यात करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सरकार पर निशाना साधा है।
शशि थरूर ने ट्वीट कर लिखा है, रिपोर्ट आ रही है कि भारत सरकार द्वारा कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाई के निर्यात के बाद देश में उसके स्टॉक में कमी आ गई है। किसी को याद है कि इस आदमी (पीएम नरेंद्र मोदी) ने कहा था कि -भारत सबसे पहले (India First)। अपने इस ट्वीट के साथ शशि थरूर ने इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्सकी एक खबर का लिंक शेयर किया है, खबर में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान स्टॉक में से दवाई देने को कहा गया है।
मलेरिया की दवा (हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन HCQ) को कोरोना वायरस के इलाज में कारगर माना जा रहा है। जिसकी वजह से अमेरिका, इजराइल, ब्राजिल सहित कई देशों ने भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की मांग की थी, जिसके बाद भारत ने इस दवाई पर लगी बैन को हटाकर निर्यात शुरू किया है। मार्च में भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर बैन लगाया था।
साभार ई.खबर