पाकिस्तान में बीते दिनों हुए आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी पीटीआई धांधली के गंभीर आरोप लगा रही है। बीते दिनों पाकिस्तान के एक पूर्व अधिकारी ने भी पीटीआई के दावों को सही ठहराते हुए चौंकाने वाले खुलासे किए थे। अब एक बार फिर ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे पाकिस्तान के चुनाव में धांधली के दावों की पुष्टि होती है। दरअसल पाकिस्तान के दो नेताओं की ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है और जनादेश की चोरी हुई।
पाकिस्तानी की राजनीतिक पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के नेता और सिंध गवर्नर कामरान तेसोरी का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में तेसोरी कहते सुनाई दे रहे हैं कि ‘वे कहते हैं कि हमारा जनादेश पूरी तरह से फर्जी है।’ दरअसल तेसोरी फोन पर किसी से बात कर रहे थे। वायरल ऑडियो में तेसोरी कहते हैं कि ‘आज (8 फरवरी) हमें वोट नहीं मिले। अगर एमक्यूएम-पी ने शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल होने का फैसला किया तो पार्टी के हालात बहुत बुरे होंगे। हमें एक मंत्री पद मिल रहा है और गवर्नर पद भी लेने की बात कही जा रही है और सबसे बुरा ये है कि हम मतदाताओं का विश्वास खो चुके हैं।’
पीटीआई ने एमक्यूएम-पी की जीत को बताया फर्जी
एमक्यूएम-पी के ही वरिष्ठ नेता मुस्तफा कमाल का भी एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे कह रहे हैं कि उनकी पार्टी के विरोधी दावा कर रहे हैं कि उनका जनादेश फर्जी है। पीटीआई भी ऐसा ही दावा कर रही है। एमक्यूएम-पी को नेशनल असेंबली में 17 सीटें मिली हैं। पीटीआई का दावा है कि एमक्यूएम-पी के उम्मीदवारों को चुनाव में तीसरा स्थान भी नहीं मिला था। पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों को 92 नेशनल असेंबली सीटों और पंजाब असेंबली में 100 सीटों पर जीत मिली है। वहीं नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन को नेशनल असेंबली में 75 और पीपीपी को 54 सीटें मिली हैं। पीटीआई का दावा है कि अगर चुनाव में धांधली न हुई होती तो उन्हें नेशनल असेंबली में 180 और प्रांतीय असेंबली में 220 सीटें मिलतीं।
पाकिस्तान में पीएमएल-एन, पीपीपी, एमक्यूएम-पी समेत कई निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाने का एलान किया है। शहबाज शरीफ नई सरकार में प्रधानमंत्री पद संभालेंगे। वहीं आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे। हालांकि अभी तक शपथ ग्रहण समारोह की तारीख का एलान नहीं किया गया है। गठबंधन की सहयोगी पीपीपी खुद एमक्यूएम-पी की जीत पर सवाल उठा रही है।