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मालदीव तैनात करेगा पहला ड्रोन भारत से तनाव के बीच, सुरक्षा बलों को मजबूत करने पर फोकस

मालदीव और भारत के बीच राजनयिक स्तर पर तनाव बढ़ता दिख रहा है। एक तरफ मालदीव से भारतीय सेना का एक हेलीकॉप्टर जवानों को लेकर भारत लौटा है, तो इसके तुरंत बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा है कि ‘मालदीव कोई छोटा देश नहीं है।’ 

एकसमारोहमें मुइज्जू ने घोषणा की है कि ‘देश की सुरक्षा के लिए हिंद महासागर पहला ड्रोन तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही सुरक्षा बलों को मजबूत बनाने पर जोर दिया जाएगा।  मुइज्जू ने यह बयान एक समारोह के दौरान सामने आया। समारोह में मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (एमएनडीएफ) एयर कॉर्प्स और ड्रोन का शुभारंभ किया गया था। इस दौरान मुइज्जू ने मालदीव के सैन्य बलों को मजबूत करने की घोषणा की। 

कोस्ट गार्ड्स की संख्या दोगुनी होगी 
मुइज्जू ने एलान किया कि उनकी सरकार कोस्ट गार्ड्स की संख्या को दोगुना करने के साथ हवाई ताकत को भी बढ़ाएगी।  चीन को समर्थन देने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू लगातार भारत विरोधी बयान दे रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि 10 मई के बाद कोई भी भारतीय सैनिक उनके देश के अंदर मौजूद नहीं होगा।

मुइज्जू का भारत विरोधी अभियान और बिगड़े बोल
मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद ही मालदीव की राजनीतिक परिस्थितियां भी बदली हैं। मालदीव से भारतीय सेना के पहले जत्थे के वापस लौटने के बाद मुइज्जू ने कहा था कि ‘उन्होंने जो भी किया वो अपने देश की सुरक्षा के लिए किया। इससे बाहरी पार्टियों को समस्या नहीं होनी चाहिए। राष्ट्रपति बनने से पहले मुइज्जू ने देश में इंडिया आउट अभियान चलाया था। इसके बाद पिछले साल नवंबर में वह मालदीव के राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने भारत से कहा था कि ‘वह द्वीप राष्ट्र से अपने करीब 90 सैनिकों को वापस बुलाए।’ इसके बाद से ही मालदीव से भारतीय सैनिकों ने वतन लौटना शुरू किया। इधर भारत के खिलाफ बिगड़े बोल और उधर चीन के समर्थन में कई अभियानों से साफ होता है कि मालदीव पर चीन का साया मंडरा रहा है।

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