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रोहतास की स्कीमों में फंसे निवेशक, अधर में लटकी आशियाने की आशा।

रिपोर्ट-विपिन निगम

लखनऊ (यूपी): चमकदार प्रचार के बल पर रोहतास लिमिटेड ने अपनी चार योजनाओं में लगभग पांच हजार निवेशकों से करीब 15 सौ करोड़ रुपये वसूले और आशियाने का ख्वाब तोड़ दिया। एक वाइस प्रेसिडेंट जेल में है और तीन भाई जो निदेशक हैं, फरार हो चुके हैं। ऐसे में आवंटियों की समस्याओं के लिए बनाई गई रेरा की कमेटी की बैठकें भी निर्रथक साबित हो रही हैं।

रेरा की कमेटी में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि कई मीटिंग हुई, मगर कुछ खास बात नहीं सामने आई है। मालिकान पर गैंगेस्टर एक्ट लगने से पहले तो मीटिंग में रोहतास का प्रतिनिधित्व होता था, मगर अब वह भी खत्म हो चुका है। समस्याओं के हल के लिए कोई फैसला या निर्देश तो तब दिये जाएं, जब कंपनी की ओर से कोई हो। इसलिए रोहतास के आवंटियों के लिए अभी कोई सकारात्मक संकेत नजर नहीं आ रहे हैं।

रोहतास की स्कीमें और उनमें फंसे निवेशक

रोहतास सवाना : प्लॉटिंग रायबरेली रोड, 1400 निवेशक
रोहतास ओएसिस : प्लॉटिंग रायबरेली रोड, 50 निवेशक
रोहतास क्रिसेंट प्लाटिंग और कॉमर्शियल : 3,000 निवेशक
रोहतास प्लूमीरिया अपार्टमेंट, विभूतिखंड : 400 निवेशक
अब रेरा की बैठकों में भी नहीं आता कंपनी का कोई प्रतिनिधि
प्राधिकरणों के हस्तक्षेप पर भी नहीं निकल पा रहा कोई हल

कंपनी पर अतिक्ति पैसे मांगने का आरोप: आरोप है कि कुल लागत का 20 से 30 प्रतिशत भुगतान जिन्होंने किया है, उनसे भी टाउनशिप के डेवलपमेंट करने के नाम पर 480 रुपये प्रति वर्ग फीट मांगा जा रहा है। बायर्स एसोसिएशन ने रेरा के पदाधिकारियों से मुलाकात कर उनको पूरे मामले की जानकारी दी। रेरा की टेक्निकल कमेटी के चीफ प्लानर सुबोध राय ने आश्वस्त किया की रेरा ने रोहतास बिल्डर की किसी भी नई योजना को पास नहीं किया है और यदि कोई प्रोजेक्ट पास भी किया जायेगा तो जब बिल्डर पूरा रोड मैप सामने रखेगा और परियोजना को रेरा/लखनऊ विकास प्राधिकरण अपनी निगरानी में पूर्ण कराने की कोशिश करेंगे। बायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धीरेंद्र वर्मा और उपाध्यक्ष अभिषेक तिवारी सोमवार को पुन: रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार से मुलाकात करेंगे।

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