श्रीलंका ने आईएमएफ के सामने एक योजना पेश की है, जिसके तहत उसे साल 2025 से वाहनों के आयात में राहत मिल सकती है, जिसका विदेशी मुद्रा भंडार पर सीधा असर पड़ेगा। श्रीलंका के वित्त मंत्री रंजीत सियाम्बलपितिया ने यह जानकारी दी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने शुक्रवार को श्रीलंका को बेलआउट पैकेज की तीसरी किस्त जारी करने की एलान किया। इसके तहत श्रीलंका को 2.9 अरब डॉलर मिलेंगे।
श्रीलंकाई सरकार द्वारा आईएमएफ के सामने पेश किए गए रोडमैप के अनुसार, शुरुआत में साल 2024 की तीसरी तिमाही में सार्वजनिक यात्री वाहन और विशेष जरूरत वाले वाहनों का आयात किया जाएगा। इसके बाद 2024 की चौथी तिमाही में मालवाहक वाहनों और अन्य वाहनों का 2025 में आयात किया जाएगा। आईएमएफ के प्रोग्राम के तहत श्रीलंका द्वारा वाहनों के आयात पर प्रतिबंधित किया गया था। अब आईएमएफ ने इसमें राहत देने का फैसला किया है। मौजूदा ऋण पुनर्गठन के बाद अन्य प्रतिबंधों को हटाने पर विचार किया जाएगा।
बेहतर हो रही श्रीलंका की अर्थव्यवस्था
श्रीलंका विदेशी मुद्रा भंडार दिसंबर 2023 को बढ़कर 4.4 अरब डॉलर हो गया है। कोरोना महामारी में आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद श्रीलंका में वाहनों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। तीसरी किस्त के तहत श्रीलंका को 3.3 करोड़ डॉलर मिलेंगे। आईएमएफ का कहना है कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, लेकिन अभी भी इसकी हालत संवेदनशील बनी हुई है। इससे पहले पिछले साल मार्च और दिसंबर में आईएमएफ ने 3.3 करोड़ रुपये की दो किस्त जारी की थी। श्रीलंका में महंगाई दर कम बनी हुई है और इसका राजस्व संग्रह भी बेहतर हुआ है। साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ रहा है।