Site icon Manvadhikar Abhivyakti News

संपादक की कलम से : क्या इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती, और राहुल गाँधी के मिड नाईट मार्च से घबराकर, चन्द घण्टे में ही हो गई गिरफ्तारी ? —- रवि जी. निगम

क्या ये सवाल उठना लाज़मी नहीं है – कि हाईकोर्ट की सख्ती के साथ-साथ अचानक मिड नाईट में निकाले गये राहुल गाँधी का कैण्डल मार्च से घबराकर एक्शन लेने को मजबूर होना पड़ा क्योंकि कांग्रेसियों के साथ-साथ आम जनता का भी भारी जन सैलाब का एकत्र होना और ये मार्च आनदेलन में न तब्दील हो जाये उससे पहले ही इस डैमेज को कन्ट्रेल करने के लिये, मोदी सरकार बिना समय गवाये एक्शन मोड में आ गयी और अपनी (केन्द्रीय) जाँच एजेसी द्वारा अपने बलात्कार के आरोपी बीजेपी के मान्यनीय विधायक जी को गिरफ्तार करवाना पड़ा ? वो भी सी बी आई को जांच की जिम्मेदारी मिले चन्द ही घण्टे हुये थे।

लेकिन सी एम योगी का ये बयान देना कहाँ तक उचित है ? कि मामला हमारे संज्ञान में आते ही इस केस पर मैने एस आई टी गठित कर जांच कराई, और दोषियों पर तत्काल कार्यवाही की, क्या ये कार्यवाही उचित कार्यवाही थी ? कि आरोपी विधाायक को यूपी पुलिस के आलाकमान (डीजी) ने मान्यनीय विधायक जी को स:सम्मान आजाद घोषित कर दिया कि पर्याप्त सबूत नहीं हैं, और केस सी बीआई को सौंप दिया गया है , अभी प्रक्रिया चालू है समय लग सकता है। सी बी आई अपनी जांच करने के बाद फैसला करेगी कि मान्यनीय विधायक जी को गिरफ्तार करना है कि नहीं ।

साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के लाख पूँँछने के बाद भी कि आरोपी विधायक को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया? तो सरकार की तरफ से ये पक्ष रखा गया कि पर्याप्त सबूत नहीं हैै। जांच कानूनी प्रक्रिया के तहत की जा रही हैै। क्या इससे योगी सरकार की मंसा साफ नहीं हो जाती है कि वो अपराध और अपराधियों के प्रत कितना सजग हैं ? जबकि आरोपी विधायक एक बाहुबली के रूप में चर्चित है और उसका आपराधिक रिकॉर्ड भी है।

पीड़िता को इन्साफ मिलेगा ? जब आरोपी मान्यनीय विधायक जी हो तो क्या इन्साफ सुुनिश्चित किया जा सकता है ?

जहाँ ऐसा होता हो !  एनकाउन्टर स्पेलिस्ट यूपी पुलिस द्वारा जहाँ एक गरीब जो पेट भरने के लिये रोड पर धन्धा करने वाले का एनकाउन्टर कर दी जाती है, लेकिन बलात्कार का आरोपी एक बीजेपी का विधायक, जो मान्यनीय विधायक जी होता है।

जहाँ सरकार के मंत्री और बीजेपी के बड़बोले नेता महिला की अस्मिता लूटने वाले को बचाने में लगे हो और उस पर बयान देने से कतराते हो, तो पीड़िता को इन्साफ मिलेगा ?

 

Exit mobile version