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सत्ता के खातिर चुनाव जरूरी या कोरोना से जनता की जिन्दगी बचाना ? देश में कोरोना की सुनामी, 185,248 नए मामले, 1025 मौतें

सत्ता के खातिर चुनाव जरूरी या कोरोना से जनता की जिन्दगी बचाना ? देश में कोरोना की सुनामी, 185,248 नए मामले, 1025 मौतें

Covid

सत्ता के खातिर, हुज़ूर चुनाव के ‘खेला होवे’ में मस्त ! कोरोना देश की जनता की जिंदगी के संग ‘खेला होवे’ से कर रहा पस्त !!

संपादक की कलम से –

Editor – Ravi Nigam

सत्ता के खातिर, आज हमारे देश की अजब विडम्बना है कि सम्पूर्ण देश आज कोरोना से कराह रहा है लेकिन सत्ता लुलोभिओं को देखिये वो कोरोना से जूझ रहे देश और देश वासियों को मात्र सत्ता के खातिर कोरोना की आग में झोकने पर अमादा हैं, वहीं इलाहाबाद कोर्ट ने भी कोरोना का संज्ञान लेते हुये यूपी सरकार को लॉकडाऊन पर विचार करने तक की बात कही, इतना ही नहीं प्रदेश का पूर्व व वर्तमान मुखिया ही खुद कोरोना की चपेट मेें आ गये, लेकिन सत्ता मोह है कि चुनाव के बिना जी ही नहीं सकते।

कुछ दिन पूर्व देश के मुखिया के मुखारबिन्दु से एक बहुत ही तल्ख शब्द इजाद किया गया था, “आन्दोलनजीवी” लेकिन अफसोस है कि ये ”सत्ताजीवी” लोग सत्ता पाने के लिये जनता को चुनाव के जरिये कहीं कोरोना के मुॅह में ढकेलने का कार्य तो नहीं कर रहे ? यदि बड़ी – बड़ी परिक्षाओं को आगे की ओर ढकेला जा रहा है तो सत्ता की परिक्षा को क्यों नहीं ? क्योंकि ये बिन सत्ता के जी नहीं सकते हैं “सत्ताजीवी” ?

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उससे भी ज्यादा अफसोस जनक है कि आज हमारे देश के विशिष्ठ संवैधानिक संस्थानें कान में तेल और आँख में सायद पट्‌टी बांध कर बैठ गयीं है उन्हे न तो दिखाई पड़ रहा है न ही सुनाई ही पड़ रहा है, हाँ इतना तो सच है कि जनता सब देख रही है और जान भी रही है कि हर निर्णय जनता के बजाय धनपशु प्रेमीयों / सत्ता प्रेमियों के हित में ही फैसले लिये जा रहे हैं।

उससे भी कहीं ज्यादा अफसोस जनक है कि देश के आजादी के दीवानों ने क्या इसी लिये देश की आजादी की लड़ाई लड़ी व संवैधानिक संस्थानों को वो सारे अधिकार दिये या संविधान में प्रावधान व प्रयोजन कर शक्तियाँ प्रदान की तकि देश में एक लोकतांत्रिक व्यवस्था प्रदान की जा सके लेकिन दुर्भाग्यवश आज सायद ही उसका सही मायने में उपयोग हो रहा है।

यदि ऐसा नहीं होता तो कम से कम कोराना की सुनामी को तो संज्ञान में अवश्य लिया जाता, क्या आज सिर्फ सत्ता और कुर्सी के खातिर देश की जनता की रक्षा / सुरक्षा और हित को तिलांजलि दे दी गयी है ? आज देश की सुप्रीम पॉवर भी इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरह संज्ञान लेने को क्यों तैयार नहीं है, ये तो सोंच के परेय है ? जबकि सुप्रीम कोर्ट का कार्यालय 50% कोरोना से संक्रमित हो चुका हो !

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देश के हाल

देश कोरोना की दूसरी लहर सुनामी बनती जा रही है। कोरोना संक्रमण मामलों के नित नए रिकॉर्ड बनते जा रहे हैं. पिछले 24 घंटों में भारत में संक्रमण के 185,248 नए मामले दर्ज किए गए और मौतों की संख्या एक हज़ार से ऊपर चली गयी।

1025 लोगों की मौत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में मंगलवार देर रात तक संक्रमण के 185,248 नए मामले दर्ज किए गए, यह एक नया रिकॉर्ड है। इसके अलावा इसी अवधि में 1025 लोगों की मौत हो गई। अब तक के कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,38,70,731 हो गई है। वहीं कोरोना से पीड़ित लोगों के ठीक होने की दर और गिरकर 89।51% रह गई है।

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उपचाराधीन मरीज़ों की संख्या बढ़ी
देश में कोरोना महामारी से मरने वालों की कुल संख्या 1,72,114 हो गई है। उपचाराधीन लोगों की संख्या भी बढ़कर 13,60,330 हो गई है। अब तक 1,23,32,636 कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं, कोरोना मृत्यु दर 1।25 % है।

अबतक 25,92,07,108 नमूनों की जांच
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक 12 अप्रैल तक 25,92,07,108 नमूनों की जांच की जा चुकी है जिनमें से 14,00,122 नमूनों की जांच सोमवार को ही की गई हैं।

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