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38400 प्रवासियों की बीते 10 वर्षों में डूबने की वजह से गई जान, चौंकाने वाले आंकड़े यूएन रिपोर्ट में

संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट के में बताया गया है कि बीते 10 वर्षों में 64,000 प्रवासियों की मृत्यु हुई है। इनमें से करीब 38,400 प्रवासियों की मौत समुद्र में डूबने से हुई है। रिपोर्ट के अनुसार भूमध्य सागर में सबसे ज्यादा 27,000 प्रवासियों की मौतें हुई हैं।

भूमध्य सागर के रास्ते कई प्रवासी उत्तरी अमेरिका से दक्षिणी यूरोप जाने की कोशिश करते हैं। आईओएम के डेटा विश्लेषक एंड्रिया गार्सिया बोरजा ने बताया कि भूमध्य सागर खतरनाक क्षेत्र है और यहां यात्राएं करना बेहद जोखिम भरा साबित होता है। उन्होंने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तुलना में भूमध्य सागर के आंकड़ों को काफी गहनता से देखा गया है। उनके मुताबिक सहारा रेगिस्तान जैसे क्षेत्रों की निगरानी करना कठिन था क्योंकि वहां का विश्वसनीय डेटा आना मुश्किल था।

वर्ष 2023 में प्रवासन मार्गों पर 8,500 लोगों की मौत 
आधे से अधिक मामलों में, आईओएम प्रवासी का लिंग या उम्र जानने में असमर्थ रहा। जिन जगहों में प्रवासी की पहचान की जा सकती है, वहां एक-तिहाई से अधिक प्रवासी संघर्ष वाले देशों या बड़ी शरणार्थी आबादी वाले देशों से आए थे। यह रिपोर्ट बताती है कि 2023 में दुनिया भर के प्रवासन मार्गों पर 8,500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। आईओएम का कहना है कि इस लिहाज से साल 2023 सबसे खतरनाक साल कहा जा सकता है। साल 2024 के आंकड़े भी चिंताजनक हो सकते हैं।
आईओएम के अनुसार इन रास्तों पर मजबूत बचाव क्षमताएं और सुरक्षित प्रवासन मार्ग की बेहद आवश्यकता है। समुद्र में, संकट में फंसे प्रवासियों के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून की अधिक सहायता की आवश्यकता है।

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