रवांडा के प्रवासियों से जुड़ी योजना के कारण ब्रिटेन की सरकार चर्चा में है। इसी बीच प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का बयान सामने आया है। उन्होंने उन मीडिया रिपोर्ट्स के खारिज किया है जिसमें कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कार्यकाल में उन्हें रवांडा से जुड़ी नीतियों पर संदेह था। उन्होंने कहा कि वे ब्रिटेन में टैक्स देने वाले नागरिकों के पैसे का सही इस्तेमाल करना चाहते हैं। सुनक ने कहा, भले ही उन्होंने चांसलर के रूप में अपनी भूमिका सीमित करने का प्रयास किया, लेकिन नीति के असर को लेकर उन्हें कोई संदेह नहीं है।
प्रधानमंत्री सुनक ने कहा, सिर्फ इसलिए कि आप कठिन सवाल पूछ रहे हैं, इसके यह अर्थ नहीं निकाले जाने चाहिए कि उन्हें सरकार के प्रस्ताव पर विश्वास ही नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मेरा काम चांसलर के रूप में मेरी मेज पर आने वाले हर प्रस्ताव के बारे में जांच करना और कठिन सवाल पूछना है। भले ही आपको योजना से जुड़ी बातों पर संदेह हो या नहीं।’
दक्षिण-पूर्व यूरोपीय देश के साथ समझौते को लेकर सुनक ने कहा, ‘मैं उस प्रक्रिया से गुजरा, इस योजना को (तत्कालीन) प्रधानमंत्री जॉनसन के साथ वित्त पोषित किया।’ उन्होंने कहा, अब प्रधानमंत्री के रूप में अल्बानिया के साथ भी वह ऐसी ही नीति बनाने का प्रयास कर रहे हैं। बकौल सुनक, ‘आप देख सकते हैं, मैंने सुनिश्चित किया है कि ब्रिटेन के पास अल्बानिया के अवैध प्रवासियों के लिए भी असरदार नीति हो।’
उन्होंने कहा, जब सरकार करदाताओं का पैसा खर्च कर रही हो तब आपको पहले से ही ‘सबकुछ ठीक है’ जैसी कोई धारणा नहीं बनानी चाहिए। सुनक के मुताबिक उनके सवालों के आधार पर यह निष्कर्ष निकालना गलत है कि उन्होंने बोरिस जॉनसन के कार्यकाल में रवांडा के प्रवासियों से जुड़ी योजना पर विश्वास नहीं करता हूं। उन्होंने केवल करदाताओं को पैसे का समुचित और बेहतरीन इस्तेमाल का प्रयास किया।
दरअसल, ब्रिटेन में शरण मांगने वाले प्रवासियों के आवेदनों पर सुनक सरकार की कार्रवाई को लेकर बीबीसी की एक रिपोर्ट सामने आई थी। दो साल पहले देखे गए कागजात पर आधारित इस रिपोर्ट के मुताबिक सुनक शरण चाहने वालों को रवांडा भेजने की लागत को लेकर काफी चिंतित थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बोरिस जॉनसन के कार्यकाल में सुनक चांसलर के रूप में अपनी भूमिका को सीमित रखना चाहते थे।
गौरतलब है कि बीबीसी ने मार्च, 2022 में ब्रिटेन की प्रवासी नीति को लेकर अहम दस्तावेज तैयार किए गए थे। इसके मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन योजना के लिए अधिक फंड चाहते थे। दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए जॉनसन चांसलर सुनक को मनाने की कोशिश कर रहे थे। यह अफ़्रीकी देश में प्रवासियों को वापस भेजने के लिए रवांडा सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर से कुछ समय पहले की बात है। हालांकि, अब सुनक के जवाब के बाद कथित मतभेद की अटकलों पर विराम लगने की उम्मीद है।