Site icon Manvadhikar Abhivyakti News

WHO : कोरोना वायरस का भारतीय वैरिएंट 44 देशों में पहुँच चुका है

WHO

जिनेवा: 44 देशों में पहुँच चुका है भारतीय वैरिएंट, भारत में कोरोना वायरस का ट्रिपल म्यूटेंट दुनियाभर में पैर पसार रहा है. कोरोना वायरस के इंडियन वैरिएंट की पुष्टि विश्व के दर्जनों देशों में हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बात की जानकारी बुधवार को दी है.

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<कर

44 देशों में पहुँच चुका है भारतीय वैरिएंट

बढ़ते संक्रमण के पीछे B.1.617 वैरिएंट
UN स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि भारत में तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामलों के पीछे B.1.617 वैरिएंट जिम्मेदार है. यह पहली बार अक्टूबर 2020 में भारत में पाया गया था. WHO ने कहा है कि अब कोविड-19 का B.1.617 वैरिएंट डब्ल्युएचओ के सभी 6 क्षेत्रों में 44 देशों से एक ओपन एक्सेस डेटाबेस में अपलोड हुए 4500 से ज्यादा सैंपल्स में पाया गया है.

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’
कोरोना महामारी पर वीकली एपिडेमियोलॉजिकल अपडेट में WHO ने कहा कि 5 अतिरिक्त देशों में भी मामलों की रिपोर्ट्स मिली हैं. भारत के अलावा ब्रिटेन में इस वैरिएंट के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं. भारत में बीती मार्च के बाद से ही संक्रमण के मामलों का ग्राफ तेजी से ऊपर जाने लगा था. इस हफ्ते की शुरुआत में संस्था ने इस वैरिएंट को ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ बताया था.

तीन गुना खतरनाक
भारत में कोरोना वायरस के ट्रिपल म्यूटेंट B.1.617 की पहचान हो चुकी है. ट्रिपल म्यूटेशन का मतलब है कि कोरोना वायरस के तीन अलग-अलग स्ट्रेन यानी स्वरूप मिलकर एक नए वैरिएंट में बदल गए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि भारत में कोरोना वायरस का ट्रिपल म्यूटेंट सिर्फ यहीं के लिए नहीं बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है. कोविड-19 के लिए WHO की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा कि भारत में कोरोना का नया वैरिएंट B.1.617 पहले से ज्यादा खतरनाक है.

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

आसानी से फैलता है
स्टडी में यह देखा गया है कि B.1.617 पहले की तुलना में आसानी से फैलता है. कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि यह वैक्सीन द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा से भी बचने में सक्षम रहा है. अध्ययन में पाया गया था कि यह वैरिएंट न सिर्फ तेजी से फैल रहा है, बल्कि यह बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि ट्रिपल म्यूटेंट में भी शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ प्राकृतिक रूप से पैदा होने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में कुछ न कुछ क्षमता जरूर होगी.

Exit mobile version