रिपोर्ट – सज्जाद अली नायने
विदेश – रूसी विदेशमंत्रालय के बयान में कहा गया है कि अमरीका ने रूस को कटघरे में खड़ा करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार शुरु कर दिया है किंतु हक़ीक़त में हमारे पास एसे सुबूत हैं जिनसे यह पता चलता है कि सीरिया, इराक़ और अफगानिस्तान में दाइश के आतंकवादियों से अमरीका के संबंध हैं।
बयान में कहा गया है कि अमरीका की स्पेशल फोर्स ने हालिया दिनों में अफगानिस्तान में तालिबान की उस जेल पर हमला किया जहां दाइश के आतंकवादियों को रखा गया था।
इसी मध्य इराक़ में स्वंयसेवी बल ” हश्दुश्शाबी के एक वरिष्ठ कमांडर ने बताया है कि अमरीकी सैनिक, इराक़ के स्वंय सेवी बल की जासूसी करते थे और प्राप्त होने वाली सूचनाएं , आतंकवादी संगठन दाइश को देते थे।
इराक़ के स्वंय सेवी बल के वरिष्ठ कमांडर क़ासिम मुसलेह ने लेबनान के अलमयादीन टीवी चैनल के साथ एक इन्टरव्यू में कहा कि अमरीकी सैनिक तो स्वंय हमसे , सीरिया की सीमा पर हमारी गतिविधियों की जानकारी मांगते थे किंतु हमने हमेशा इस प्रकार की हर मांग का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि आतकंवादी संगठन दाइश के खिलाफ हमारी कार्यवाहियों के दौरान अमरीकी सेना हमारी जासूसी करती और पल पल की खबर आतंकावादी संगठन दाइश को देती थी।
उन्होंने कहा कि हम सीरियाई सेना के साथ संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं और ज़रूरत पड़ने पर सीरिया में जाकर दाइश के खिलाफ लड़ने पर तैयार हैं।
याद रहे अमरीकी सेना ने , आतंकवादी संगठन दाइश के खिलाफ स्वंय सेवी बल के अभियान के दौरान कई बार इराकी स्वंय सेवी बल पर बमबारी की और बाद में कहा कि एसा गलती से हो गया।
इस से पहले भी रूस ने बताया था कि सीरिया के दैरुज्ज़ूर में जब दाइश के आतंकवादी चारों तरफ से घिर गये तो अमरीकी सेना के हेलीकाप्टरों ने दाइश के कमांडरों और लड़ाकों को शहर से निकाला और किसी अज्ञात स्थान पर पहुंचाया।
अमरीका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प , अपने चुनावी प्रचार में कह चुके हैं कि आतंकवादी संगठन दाइश को अमरीका ने बनाया है।