बीते दिनों एक मालवाहक जहाज अमेरिका के बाल्टीमोर में पुल से टकराकर हादसे का शिकार हो गया था। अब मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पुल से टकराने वाले जहाज में जहरीला पदार्थ भरा है और यह जहाज श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पर आ रहा था। खुलासे के बाद श्रीलंका की सरकार ने कहा है कि उन्हें नहीं पता कि जहाज में क्या जहरीला पदार्थ भरा था। कोलंबो बंदरगाह के अधिकारियों का कहना है कि कोलंबो पहुंचने से 72 घंटे पहले ही जहाज को कंटेनर्स में भरे सामान की जानकारी देनी थी। ऐसे में उन्हें नहीं पता कि जहाज में क्या भरा हुआ था।
सिंगापुर के झंडे वाला मालवाहक जहाज डाली, बीती 26 मार्च को अमेरिका के मैरीलैंड राज्य के बाल्टीमोर में फ्रांसिस स्कॉट पुल से टकरा गया था, जिससे पूरा पुल भरभराकर गिर गया था। अमेरिका के मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, जहाज पर 764 टन जहरीला पदार्थ लदा हुआ है और जहरीले पदार्थ से भरे जहाज के 57 कंटेनर न्यूयॉर्क और नॉरफोक वर्जीनिया के बंदरगाह पर रुकने के बाद श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पर रुकने वाले थे। इसके बाद इस जहाज को दक्षिण अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप जाना था, जहां पहुंचने में जहाज को कुल 27 दिन लगते।
श्रीलंका को जहरीले पदार्थ की नहीं थी कोई जानकारी
मीडिया के खुलासे के बाद श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी के अध्यक्ष कीथ बर्नार्ड ने बताया कि जहाज पर लदे सामान की जानकारी बंदरगाह पहुंचने से सिर्फ 72 घंटे पहले दी जाती है। ऐसे में हमें नहीं पता कि जहाज पर कौन सा जहरीला पदार्थ था। जानकारी मिलने के बाद प्रोटोकॉल के तहत जहरीले पदार्थ वाले कंटेनर्स को अलग रखा जाता। श्रीलंका के भीतर इस जहरीले पदार्थ को भेजने के सवाल पर बर्नार्ड ने कहा कि इसके लिए पहले रक्षा मंत्रालय और अन्य विभागों से मंजूरी लेनी पड़ती। वहीं श्रीलंका के केंद्रीय पर्यावरण प्राधिकरण के प्रमुख ने कहा कि देश के भीतर इतने जहरीले पदार्थ को ले जाने की मंजूरी नहीं मिलनी थी। बता दें कि बाल्टीमोर पुल के गिरने की वजह से बाल्टीमोर बंदरगाह बंद है और इस वजह से करीब आठ हजार नौकरियां प्रभावित हो रही हैं। साथ ही रोजाना करीब 20 लाख डॉलर का नुकसान हो रहा है। अमेरिका के परिवहन मंत्री ने यह जानकारी दी है।