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आपकी अभिव्यक्ति – सूरत अग्निकाण्ड में गुजरात मॉडल की एक भयावाह सूरत नज़र आयी, यही है न्यू इण्डिया ? — रवि जी. निगम

वाह रे वाह ! सूरत प्रशासन तंत्र और भगवान भरोसे फायर ब्रिगेड तंत्र जिसके पास आग बुझाने के पूरे प्रबन्ध भी नहीं, टैंकर था पर पानी नहीं, सीढ़ी तो थी लेकिन चार मंजिल तक पहुँच नहीं, पम्प तो था लेकिन उसमें प्रेसर तक नहीं, क्या ऐसा ही होता है फायर ब्रिगेड तंत्र ? फायर ब्रिगेड घटना स्थाल से मात्र चंद मीटर की दूरी पर होने के बावजूद भी देरी से क्यों पहुंची ? क्या यही है गुजरात मॉडल और न्यू इण्डिया ? क्या यही है सुरक्षित देश की परिभाषा ? क्या हमारे देश के भविष्य ऐसे रहेगें सुरक्षित ? चंद रुपये मुआबजे के तौर पर देकर , चंद लोगों पर FIR दर्ज कर और गिरफ्तारी कर और जांच का आदेश देकर सरकार की जिम्मेदारी पूरी ?

सवाल यही नहीं कि फायर ब्रिगेड तंत्र पूरी तरह से सुसज्जित नहीं था, सवाल ये भी उठता है कि जब तक्षशिला कॉम्पलेक्स में सुरक्षा के पूरे इन्तजामात नही थे तो उन्हें कामर्शियल लाइसेन्स किसने दिया ? किसने दिया फायर ब्रिगेड की एनओसी ? और किसने दिया कोचिंग क्लास चलाने की अनुमति ? क्या असली गुनाहगारों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होगा ? उनकी गिरफ्तारी आखिर कब ?

जान बचाने वाला बहादुर युवा ।

कल सूरत के तक्षशिला कॉम्पलेक्स में आग लग गई और जिसमे ट्यूशन क्लास चल रही थी। सूरत में आग लगने की घटना में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें छात्रों के अलावा एक टीचर भी शामिल हैं। तक्षशिला कॉम्पलेक्स के दूसरे फ्लोर पर बच्चे पढ़ रहे थे। आग लगने के बाद बच्चों ने जान बचाने के लिए वहाँ से छलांग लगा दी और इसके चलते 11 छात्रों को नीचे खड़ी जनता ने कैचकर बचायी जान वहीं एक छात्र की मौत हो गई है, उसे बचाया नही जा सका, यदि जनता की भागीदारी नहीं होती तो क्या ये जानें बचती ?

खबरों के मुताबिक कुल 40 बच्चे ट्यूशन सेंटर में मौजूद थे। इस घटना में घायल बच्चों को अस्पताल ले जाया गया है। फायर ब्रिगेड की पंद्रह गाड़ियां लगातार आग बुझाने की कोशिश करती रही, चौथे मंजिल पर एसी यूनिट का जमावड़ा और टायर काफी मात्रा में जमा थे यही नहीं चौथी मंजिल की छत फाइबर सीट की होने के कारण आग और धुयें ने बिकराल रूप ले लिया। आग लगने के कारणों का शॉर्ट सर्किट बतायी जा रही है।

आग तक्षशिला कॉम्पलेक्स के आगे वाले हिस्से पर लगनी शुरू हुई और आग लगने के बाद कॉम्पलेक्स में अफरातफरी मच गई थी।बताया जा रहा है कि आग में फंसे कई बच्चों के शव अभी भी कॉम्पलेक्स में होने का शक जताया जा रहा है, क्योंकि कुछ छात्र अभी भी मिसिंग बताये जा रहे हैं। शवों का डीएनए चेक किया जायेगा जिसके बाद उनके अविभावकों को उनके शव सौंपे जायेगें ऐसा बताया जा रहा है।

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