इस्राइल के चयनकर्ताओं की एक टीम पिछले हफ्ते भारत दौरे पर आई थी और अब अगले हफ्ते एक अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल भारत के लिए रवाना होंगे। ये भारत में हजारों की संख्या में मजदूरों की भर्ती करेंगे जिससे कि इस्राइल में निर्माण उद्योग की भारी कमी की पूर्ति की जा सके। इस्राइल बिल्डर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है।
इस्राइल बिल्डर्स एसोसिएशन के डिप्टी डायरेक्टर जनरल और प्रवक्ता शे पुजनर ने कहा, ‘हम दिल्ली और चेन्नई में अगले हफ्ते 27 दिसंबर को प्रक्रिया शुरू करेंगे। फिलहाल हम सरकार की मंजूरी से 10,000 लोगों को ले जाएंगे और भविष्य में इसकी संख्या बढ़कर 30,000 तक होगी। इस प्रकिया में महीनों समय लग सकता है।’
अगले हफ्ते से शुरू होगी चयन प्रक्रिया
पुजनर ने बताया कि चयन की प्रक्रिया अगले हफ्ते से शुरू होगी, जो 10-15 दिनों तक चलेगी। इजैक गुरविट्ज के नेतृत्व वाली प्रतिनिधिमंडल मजदूरों के मुद्दों और चयन टीम को देख रही है। वह पिछले हफ्ते भारत में ही थे और अगले हफ्ते भी अन्य सदस्यों और सीईओ इगल स्लोविक के साथ फिर से भारत आएंगे। निर्माण और आवास मंत्रालय के महानिदेशक येहुदा मोर्गेंस्टर्न भी इस दल में शामिल होंगे।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर बात करते हुए इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत से इस्राइल में श्रमिकों को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया पर चर्चा की। पिछले महीने पुजनर ने मीडिया को बताया, ‘हमें ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों की जरूरत है। यह सरकार ही तय करेगी कि लापता मजदूर कहां से आएंगे। इस्राइल को निर्माण कार्य के लिए अधिक से अधिक मजदूरों की जरूरत है।’
करीबन 18,000 भारतीय इस्राइल में करते हैं काम
करीबन 80,000 मजदूरों का समूह फलस्तीनी प्राधीकरण नियंत्रित वेस्ट बैंक से और 17,000 मजदूर गाजा पट्टी से आते हैं। वहीं चीन से करीब 7,000 मजदूर और पूर्वी यूरोप से 6,000 मजदूर आते हैं। इस्राइल के अर्थव्यवस्था मंत्री नीर बरकत ने अप्रैल में अपने भारत दौरे पर भारतीय मजदूरों को काम पर रखने की बात की थी।
करीबन 18,000 भारतीय इस्राइल में काम करते हैं। युद्ध के दौरान उनमें से कई भारतीयों ने इस्राइल में ही रुकने का फैसला किया था। मई में इस्राइल ने भारत के साथ एक समझौता किया था, जिसमें 42,000 भारतीयों को इस्राइल में काम करने की अनुमति दी गई थी।