27 C
Mumbai
Saturday, July 27, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

गाजा में मानवीय संकट पर भारत का टेडा रुख, यूएन में भारत की प्रतिनिधि स्वीकार किया

भारत ने इस्राइल और हमास के बीच के चल रहे युद्ध में संघर्ष कर रहे नागरिकों और उनकी मौत की कड़ी निंदा की। भारत की प्रतिनिधि ने कहा कि यह संकट अस्वीकार है।

गाजा में लगभग सात महीनों से अधिक समय से संकट चल रहा है। जिसके कारण कई मानवीय संकट पैदा हो चुके हैं, और बढ़ने भी लगे हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने फिलिस्तीन पर 10 वें यूएनजीए आपातकालीन सत्र में पहुंची। उन्होंने कहा कि इस्राइल और हमास के बीच के संघर्ष के कारण जान-माल की हानि हुई। विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं की हानि हुई। यह मानवीय संकट बिल्कुल अस्वीकार है। 

उन्होंने कहा कि इस बीच में संघर्ष कर रहे नागरिकों की मौत की हम कड़ी निंदा करते हैं। हर परिस्थति में सभी को अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस्राइल पर हमास का हमला भी निंदनीय है। आतंकवाद और बंधक बनाने का कोई औचित्य ही नहीं है। इस्राइल में आतंकवादी हमले चौंकाने वाले थे। भारत हमेशा से ही आतंकवाद के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि भारत सभी बंधकों की रिहाई मांग करता है, वह भी बिना शर्त।

उन्होंने बताया कि गाजा में मानवीय स्थिति गंभीर है। स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए गाजा के लोगों को मानवीय सहायता दी जानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र लगातार इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता दी है। हम इस्राइली अधिकारियों द्वारा गाजा में मानवीय सहायता से ज्यादा तत्काल सहायता पर ध्यान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत दोनों राज्यों के बीच समझौता करवाना चाहता है। जहां फिलिस्तीनी इस्राइल की सीमा के भीतर स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं। शीघ्र ही शांति वार्ता शुरू करना है।

इसी के साथ भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण सदस्यता के लिए फिलिस्तीनी बोली के लिए अपने समर्थन की बात की। वे बोलीं कि अपनी दीर्घकालिक स्थति को देखते हुए हम फिलिस्तीन के आवेदन पर उचित समय में  सुरक्षा परिषद द्वारा  उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन के आवेदन पर पुनर्विचार किया जाएगा।

Latest news

ना ही पक्ष ना ही विपक्ष, जनता के सवाल सबके समक्ष

spot_img
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Translate »