29 C
Mumbai
Saturday, July 27, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

जान हथेली पर लिए इस्राइली जांबाजों ने रिहा कराए चार और बंधक, सामने आया रोंगटे खड़े कर देने वाला वीडियो

हमास और इस्राइल बीते छह महीने से जंग लड़ रहे हैं। इस्राइल द्वारा हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर दुनिया भर के लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वहीं, इस्राइली रक्षा बल (आईडीएफ) भी अपने लोगों को हमास के कब्जे से छुड़ाने के लिए मशक्कत कर रहा है। अब आईडीएफ ने चुनौतियों से भरे एक अभियान के बारे में बताया। इस अभियान का नतीजा यह था कि चार बंधकों को सुरक्षित बचाया जा सका। 

इस्राइली सेना ने शनिवार को दावा किया कि कठिनाइयों से भरा अभियान चलाने के बाद गाजा से हमास के चंगुल से नोआ अर्गमणि, अल्मोग मीर जान, एंड्री कोजलोव और श्लोमी जिव को सुरक्षित बचाया। 

हमास ने सात अक्तूबर को इस्राइली शहरों पर पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमले की शुरुआत की थी। इसके बाद हमास के आतंकियों ने इस्राइल में घुसकर लोगों को मौत के घाट उतारा। वहीं 250 लोगों को बंधक बना लिया था। इसके जवाब में इस्राइल ने हमास आतंकियों के खिलाफ गाजा में ऑपरेशन शुरू किया। इस ऑपरेशन में गाजा स्थित हमास के ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की गई है, जिससे अधिकतर गाजा खंडहर में तब्दील हो गया है। अब तक इस्राइल और गाजा में कुल मिलाकर 34,622 लोगों की मौत हो चुकी है।

अभियान को सीड्स ऑफ समर का नाम
जिन चार लोगों को अब रिहा कराया गया है, वो भी उन्हीं 250 बंधकों में शामिल थे। इन चार बंधकों को सात अक्तूबर को नोवा संगीत समारोह से हमास द्वारा अपहरण कर लिया गया था। आईडीएफ ने दिन के समय में चलाए गए अभियान को सीड्स ऑफ समर नाम दिया है। उन्होंने इसे बहुत अधिक खतरा और जटिल मिशन के रूप में करार दिया। 

कई हफ्तों की योजना रंग लाई
इस्राइली रक्षा बल के रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि बंधकों को रिहा कराने के लिए कई हफ्तों से योजना बनाई जा रही थी। खुफिया जानकारी का इस्तेमाल करके योजना बनाई गई और गाजा के नुसीरत में स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 11 बजे अभियान चलाया गया।

हगारी ने यह भी बताया कि तीन पुरुष और एक महिला बंधक को छुड़ाने के लिए यमाम की राष्ट्रीय पुलिस की विशेष आतंकवाद विरोधी इकाई के अधिकारियों ने हमास की दो इमारतों पर छापा मारा। आतंकवाद विरोधी इकाई में शिन बेट एजेंट भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान के लिए हफ्तों से तैयारी चल रही थी। सैनिकों ने कड़ा प्रशिक्षण लिया था।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 26 साल की नोआ अर्गमणि एक अपार्टमेंट में मिलीं। जबकि 22 साल के अल्मोग मीर जान, 27 वर्षीय एंड्री कोजलोव और 41 वर्षीय श्लोमी जिव को एक दूसरी जगह से बचाया गया। 

ऐसे रिहा कराया
आईडीएफ ने एक्स पर आठ जून को एक वीडियो साझा किया, जिसमें अधिकारियों को गाजा से चार बंधकों में से तीन को बचाते हुए दिखाया गया था। वीडियो में, अल्मोग, श्लोमी और एंड्री को इस्राइली सेना के साथ एक तैनात हेलीकॉप्टर की ओर भागते हुए देखा जा सकता है। जैसे ही अधिकारी और बंधक हेलिकॉप्टर में चढ़ जाते हैं, वैसे ही यह उड़ान भर लेता है। 

वीडियो में लिखा था कि हम उन्हें घर ला रहे हैं। चार में से तीन बंधकों को बचा लिया गया है।

वहीं रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने बताया कि कार्रवाई में 100 से कम फलस्तीनी मारे गए। बंधकों को नागरिक इमारतों में बंदी बनाकर रखा गया था। खुफिया एजेंसी ने नुसरत में स्थित दो इमारतों के बारे में जानकारी दी थी। यहां परिवार सशस्त्र गार्ड के साथ रह रहे थे।

उन्होंने कहा कि यह समझना होगा कि वे बंधकों को एक फ्लैट से दूसरे फ्लैट में ले जा रहे हैं। उन्हें छुड़ाना बहुत बड़ा खतरा था। 

Latest news

ना ही पक्ष ना ही विपक्ष, जनता के सवाल सबके समक्ष

spot_img
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Translate »