राज्य विधानमंडल ने एक विधेयक पास किया, जिसके तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एल्गोरिदम का इस्तेमाल कर नाबालिगों की लत वाली सामग्री नहीं परोस पाएंगे। इस एल्गोरिदम के जरिये यूजर पसंदीदा पोस्ट, वीडियो के आधार पर अधिक सामग्री पाता था, ताकि वह लंबे वक्त तक एप पर बना रहें। लेकिन अब कंपनियों की मर्जी से ऐसा नहीं होगा।
बिल पर गवर्नर कैथी होचुल के दस्तखत के साथ ही इसकी कानूनी मंजूरी सोशल मीडिया के इस्तेमाल के तरीके को मौलिक तौर से बदल सकता है। इस कानून का मकसद सोशल मीडिया कंपनियों को नाबालिगों को स्वचालित फीड परोसने और उन्हें इन प्लेटफॉर्म पर बहुत अधिक वक्त बिताने से रोकना है। इसे न्यूयॉर्क विधानमंडल में दो दर्जन से अधिक राज्य सीनेटरों का द्विदलीय समर्थन मिला है।
बड़ा बदलाव : अब कंपनिया अपनी मर्जी से नहीं परोस पाएंगी नाबालिगों को सामग्री
अमेरिका में बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने से संबंधित कानून राज्य और संघ दोनों जगह लोकप्रिय हैं। संघीय स्तर पर, किड्स ऑनलाइन सुरक्षा अधिनियम सोशल मीडिया कंपनियों को बच्चों को नुकसानदायक सामग्री की सिफारिश करने पर उत्तरदायी ठहराने का रास्ता खोलता था। न्यूयॉर्क सीनेट के दो बिल राज्य सीनेटर एंड्रयू गौनार्डेस ने पेश किए है। इनमें से एक न्यूयॉर्क चाइल्ड डाटा प्रोटेक्शन एक्ट है, यह कानून ऑनलाइन साइट्स को 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति का निजी डाटा जुटाने, इस्तेमाल-साझा करने और बेचने से रोकता है। वहीं, दूसरा बिल सुरक्षित है। इसे कानून में बदलने पर चुनौतियां पेश आ सकती हैं। गूगल, मेटा और टिकटॉक जैसी कंपनियों ने कई राज्य कानूनों को चुनौती दी है।
कानूनी कोशिशें बच्चों पर केंद्रित
अमेरिका में सोशल मीडिया को कायदे में लाने के लिए हाल ही में की गई कानूनी कोशिशें बच्चों पर केंद्रित रही हैं। गैर-लाभकारी डिजिटल अधिकार वकालत समूह फाइट फॉर द फ्यूचर के निदेशक इवान ग्रीर ने कहा, यदि आप किसी चीज को बच्चों की सुरक्षा को लेकर ला सकते हैं, तो उसके पीछे खुद ही अधिक राजनीतिक वजन होता है।
अभिभावकों ने भी की बिल की पैरवी
मार्च 2024 की सुनवाई के दौरान मेटा के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने वाले अभिभावकों का एक गठबंधन भी न्यूयॉर्क बिल का समर्थन करने वालों में से एक है। न्यूयॉर्क टाइम्स की पूर्व पत्रकार जूली स्केलफो ने मदर्स अगेंस्ट मीडिया एडिक्शन (मामा) समूह बनाया और न्यूयॉर्क विधेयक की वकालत की।