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Saturday, July 27, 2024

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फिलीपींस के पास उड़ता दिखा चीनी WZ-7 ड्रोन, एक दिन पहले ही भारत से मिली है ब्रह्मोस मिसाइल

चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का एक सोरिंग ड्रोन WZ-7 फिलीपींस के करीब उड़ता दिखाई दिया। गौरतलब है कि फिलपींस में हाल ही में भारतीय ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की डिलीवरी हुई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ड्रोन पश्चिम फिलीपीन सागर के पास उड़ता देखा गया था। चीन के साथ दूसरे थॉमस शोल और स्कारबोरो शोल सहित अन्य क्षेत्रीय विवादों के बीच चीनी ड्रोन दिखना चिंताजनक है।

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी द्वारा उड़ाए गए WZ-7  जेट-संचालित ड्रोन की सर्विस सीलिंग 60,000 फीट से अधिक है। इसकी रेंज लगभग 4,350 मील है। 2022 में भी यही ड्रोन ताइवान स्ट्रेट के पास उड़ता दिखा था।

फिलीपींस, अमेरिका और जापानी का संयुक्त अभ्यास
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फिलीपींस, अमेरिका और जापान की सेनाओं के साथ 22 अप्रैल से 10 मई तक सैन्य अभ्यास आयोजित करेगा। यह अभ्यास सीधे अमेरिकी-फिलीपीन के द्विपक्षीय रक्षा रिश्तों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। फिलीपींस में अमेरिकी दूतावास ने एक आधिकारिक बयान में कहा, दोनों सेनाओं के बीच सैन्य सहयोग और तत्परता बढ़ाकर संधि। इस वर्ष, फिलीपींस और अमेरिकी सेना के 16 हजार से अधिक सदस्य एक साथ ट्रेनिंग लेंगे।

चीन के पड़ोसी फिलीपींस की सुरक्षा के लिए ब्रह्मोस मिसाइल का सौदा काफी अहम माना जा रहा है। फिलीपींस को यह मिसाइल प्रणाली ऐसे समय में मिली है, जब दक्षिण चीन सागर में लगातार होने वाली झड़पों के कारण उसका चीन के साथ तनाव बढ़ रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की तीन बैटरियों को फिलीपींस अपने तटीय क्षेत्रों में तैनात करेगा, ताकि क्षेत्र में किसी भी खतरे से बचाव किया जा सके।  

चीन और फिलीपींस के बीच जारी विवाद की जड़ में करीब आठ साल पुराना एक फैसला है। दरअसल, 2016 में हेग में स्थायी मध्यस्थता न्यायालय ने एक अहम फैसले में कहा था कि फिलीपींस द्वारा दावा किया गया कि दक्षिण चीन सागर का एक विशेष हिस्सा अकेले फिलीपींस का है। हालांकि, चीन ने इस फैसले को खारिज कर दिया और विवादित जल क्षेत्र में अपने जहाज भेजना जारी रखा है।

भारत और फिलीपींस के बीच इसका सौदा क्या था?
फिलीपींस ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम खरीदने वाला पहला देश बना है। यह आपूर्ति दो साल पहले हुए एक समझौते के तहत की गई है। दरअसल, दोनों देशों के बीच 2022 में इस हथियार प्रणाली को लेकर 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सौदा हुआ था। ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) ने फिलीपींस को तट आधारित एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति को लेकर 28 जनवरी, 2022 को फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा विभाग के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। बता दें कि बीएपीएल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की संयुक्त उद्यम कंपनी है। 

जानकारी के मुताबिक, ब्रह्मोस के लिए सौदे की परिकल्पना 2017 की शुरुआत में की गई थी। उस वक्त फिलीपींस के राष्ट्रपति के कार्यालय ने एक प्राथमिकता परियोजनाओं में इसे शामिल करने को मंजूरी दे दी थी। दोनों पक्ष 2021 की शुरुआत में समझौता करना चाहते थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण योजना में देरी हुई।अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें

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