दुबई से निकारागुआ जा रहे विमान को फ्रांस ने गुरुवार को मानव तस्करी के संदेह में रोक लिया था। इस विमान में 300 से ज्यादा भारतीय सफर कर रहे थे। दो दिन से यहां फंसे भारतीय अपने घर वापस जाने को लेकर बेताब है। इस बीच अच्छी खबई आई है कि अधिकतर भारतीय सोमवार से अपनी यात्रा फिर से शुरू कर सकेंगे। स्थानीय मीडिया के अनुसार, विमान को उड़ान भरने की अनुमति दे दी गई है।
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गुरुवार को एयरबस A340 दुबई से उड़ान भरकर निकारागुआ जा रही थी। इस फ्लाइट में कुल 303 भारतीय सफर कर रहे थे। विमान फ्यूट भरवाने के लिए फ्रांस के एक छोटे से एयरपोर्ट वैट्री पर रुका था। इसी दौरान फ्रांस पुलिस को खबर मिली की विमान में सफर कर रहे भारतीय मानव तस्करी का शिकार बनने जा रहे हैं। इसके बाद फ्रांस पुलिस टीम एयरपोर्ट पर पहुंच गई और विमान को उड़ान भरने रोक दिया। तबसे रोमानिया स्थित लीजेंड एयरलाइंस का विमान पेरिस से लगभग 150 किलोमीटर पूर्व में वैट्री एयरपोर्ट पर रुका हुआ है। यात्रियों में 11 नाबालिग भी हैं।
फ्रांसीसी मीडिया के अनुसार, फ्रांस के न्यायाधीशों ने प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण 300 से अधिक यात्रियों की सुनवाई रद्द करने का फैसला किया है। हालांकि, इससे पहले आज सभी यात्रियों को फ्रांस की अदालत में पेश किया गया, जहां इनको हिरासत में रखने की अधिकतम अवधि पर चर्चा हुई। चार न्यायाधीशों ने यात्रियों से उनकी यात्रा के उद्देश्यों की पुष्टि करने के लिए पूछताछ की। साथ ही सभी यात्रियों से बात करने के लिए दो दिन का समय दिया है।
बता दें, न्यायाधीशों के पास हिरासत अवधि बढ़ाने का अधिकार है, लेकिन पेरिस के अभियोजकों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि विमान को उसके यात्रियों के साथ सोमवार देर सुबह रवाना होने की मंजूरी मिल जाएगी।
विमान के सोमवार सुबह फिर से उड़ान भरने की उम्मीद है। इसकी मंजिल का अभी पता नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि या तो विमान भारत जा सकता है या ये वापस दुबई जा सकता है, जहां से उसने उड़ान भरी थी।
गौरतलब है, विमान को रोकने के अगले दिन शुक्रवार को पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में ले लिया था। उनसे गहन पूछताछ चल रही है। संदेह जताया जा रहा है कि इन लोगों की भूमिका और यात्रियों से अलग हो सकती है। वहीं, मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि 10 यात्रियों ने शरण मांगी है।
इस बीच फ्रांस पुलिस ने भारतीय दूतावास को भी मामले की जानकारी दी। फ्रांस में भारतीय दूतावास ने इसकी पुष्टि करते हुए एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट किया था, ‘फ्रांस के अधिकारियों ने हमें इस मामले की जानकारी दी है। हम अपने नागरिकों तक पहुंच गए हैं और काउंसर एक्सेस प्राप्त कर लिया है। उनकी पूरी तरह से मदद कर रहे हैं।’