वैश्विक स्तर पर आतंकवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है। आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत ने संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फंड फॉर काउंटर टेररिज्म (सीटीटीएफ) में पांच लाख डॉलर का योगदान दिया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने सात मई को भारत आतंकवाद विरोधी संस्था के प्रयासों को बल देने के लिए संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फंड फॉर काउंटर टेररिज्म में आधा मिलियन डॉलर का स्वैच्छिक योगदान संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय (यूएनओसीटी) के अवर महासचिव व्लादिमीर वोरोंकोव को सौंपा।
भारत आतंकवाद से निपटने के लिए तैयार
उन्होंने कहा, ‘भारत आतंकवाद के खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सदस्य देशों की क्षमता निर्माण में यूएनओसीटी द्वारा किए गए जनादेश और कार्यों को बहुत महत्व देता है। पांच लाख डॉलर का योगदान वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से निपटने में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में बहुपक्षीय प्रयासों का समर्थन करने के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।’
साल 2022 में अक्तूबर में विदेश मंत्री जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति को संबोधित किया था। तब उन्होंने कहा था कि वैश्विक स्तर पर आंतकवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था। साथ ही वादा किया था कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फंड फॉर काउंटर टेररिज्म में 500,000 डॉलर का योगदान देंगे।
बयान में कहा गया है, भारत यूएनओसीटी के वैश्विक कार्यक्रमों मुख्य रूप से आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला (सीएफटी) और आतंकवाद यात्रा कार्यक्रम (सीटीटीपी) का मुकाबला करने में मदद करेगा।इसका उद्देश्य पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका के सदस्य देशों की क्षमता को बढ़ाना है ताकि वे आतंकवाद के वित्तपोषण के महत्वपूर्ण मुद्दों से निपट सकें और आतंकवादियों की आवाजाही एवं यात्रा को रोक सकें।
वित्तीय समर्थन 25.5 लाख डॉलर हुआ
अफ्रीका में आतंकवाद के बढ़ते खतरे के मुद्दे को संबोधित करना पिछले कुछ वर्षों से भारत की आतंकवाद-विरोधी प्राथमिकताओं में से एक रहा है। 2018 से, भारत भी सक्रिय रूप से इस खतरे का मुकाबला करने वाले कार्यक्रमों का समर्थन कर रहा है। पांच लाख डॉलर के योगदान के साथ ही ट्रस्ट फंड में भारत का अब वित्तीय समर्थन 25.5 लाख डॉलर हो गया है।