यूनीसेफ के यूरोप और मध्य एशिया के क्षेत्रीय कार्यालय ने एक बयान जारी कर बताया कि फरवरी 2022 से अब तक यूक्रेन युद्ध में 1,993 बच्चे हताहत हुए हैं। यूनीसेफ के अनुसार, यूक्रेन युद्ध में हर दिन औसतन दो बच्चे हिंसा के शिकार हुए। यूक्रेन के कई हिस्सों में अभी भी हमले जारी हैं, जिससे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर हो रहा है। यूनीसेफ का कहना है कि यूक्रेन के करीब 50 फीसदी किशोर नींद लेने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और हर पांच में से एक बच्चा मानसिक तनाव से गुजर रहा है। बयान में कहा गया है कि वयस्कों के लापरवाही भरे फैसलों की कीमत बच्चे अपनी जिंदगी, सुरक्षा और भविष्य दांव पर लगाकर चुका रहे हैं।
यूक्रेन में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है और करीब 50 फीसदी बच्चे निजी तौर पर स्कूलों में जाकर पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। स्कूलों में निजी तौर पर उपस्थित नहीं हो रहे बच्चों की संख्या 10 लाख के करीब है। यूनीसेफ की मदद से यूक्रेन के बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने की कोशिश की जा रही है। साल 2023 में संयुक्त राष्ट्र ने औपचारिक और अनौपचारिक ढंग से 13 लाख बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में मदद की, साथ ही 25 लाख बच्चों की देखभाल और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद की।
युद्ध विराम की दरकार
यूनीसेफ का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए यूक्रेन में बच्चों के संरक्षण के लिए जल्द से जल्द युद्धविराम लागू करने की जरूरत है। साथ ही घनी आबादी में विस्फोटक हथियारों के इस्तेमाल पर रोक, नागरिक प्रतिष्ठानों, बुनियादी ढांचे पर विराम लगाने की जरूरत है क्योंकि इससे बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। यूनीसेफ का कहना है कि यूक्रेनी बच्चों को सबसे अधिक शांति की जरूरत है। साल 2024 में मानवतावादी और पुनर्बहाली कार्यक्रमों के लिए 25 करोड़ डॉलर की जरूरत है ताकि बच्चों और उनके परिवारों को समर्थन दिया जा सके।