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Sunday, February 9, 2025

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‘शिया धर्मस्थल पर इस्लामिक स्टेट के हमले की साजिश विफल की गई’, सीरियाई खुफिया एजेंसी का बड़ा दावा

सीरिया की नई सरकार की खुफिया एजेंसी ने एक शिया धार्मिक स्थल पर बम धमाके की इस्लामिक स्टेट (आईएस) की योजना को नाकाम कर दिया है। सरकारी मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी। सरकारी समाचार एजेंसी सना ने जनरल इंटेलिजेंस सर्विस के एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से बताया कि इस हमले की योजना बनाने वाले आईएस के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अधिकारी ने कहा कि खुफिया एजेंसी ‘सीरियाई जनता के सभी समुदायों को निशाना बनाने वाली किसी भी कोशिश का सामना करने के लिए पूरी क्षमता से काम कर रही है।’  

सैय्यदा जैनब इलाके में मौजूद यह शिया धार्मिक स्थल पहले भी आईएस के हमलों का शिकार हो चुका है। 2023 में, इसी इलाके में एक मोटरसाइकिल पर लगाए गए बम से विस्फोट हुआ था, जिसमें कम से कम छह लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए थे। यह हमला शिया धर्म के पवित्र दिन आशूरा से एक दिन पहले हुआ था।  

सीरिया की सत्ता पर हयात तहरीर अल-शाम का कब्जा
इस बार हमले को नाकाम करने की घोषणा सीरिया के नए शासकों की तरफ से धार्मिक अल्पसंख्यकों को भरोसा दिलाने की कोशिश का हिस्सा मानी जा रही है। ये अल्पसंख्यक पहले बशर अल-असद की सरकार का समर्थन करते थे। बशर अल-असद, जो अलवी अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं, ईरान, शिया लेबनानी गुट हिजबुल्ला और ईरान समर्थित इराकी लड़ाकों के करीबी माने जाते थे। अब सीरिया की सत्ता पर हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) नाम के संगठन का कब्जा है। एचटीएस, जो पहले अल-कायदा से जुड़ा हुआ था, अब अपने नेता अहमद अल-शराअ के नेतृत्व में धार्मिक सह-अस्तित्व की बात कर रहा है। 

लेबनान के प्रधानमंत्री की सीरिया यात्रा  
शनिवार को लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती दमिश्क पहुंचे और अल-शराअ से मुलाकात की। मिकाती ने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा रेखा तय करने और तस्करी रोकने के लिए एक संयुक्त समिति बनाई जाएगी। सीरिया-लेबनान सीमा के पास मौजूद विवादित क्षेत्र ‘शेबा फार्म्स’ का मुद्दा जटिल बना हुआ है। यह इलाका वर्तमान में इस्राइल के नियंत्रण में है, जिसने इसे 1967 में सीरिया से कब्जा कर लिया था। लेबनान और सीरिया का कहना है कि यह क्षेत्र लेबनान का हिस्सा है, जबकि संयुक्त राष्ट्र इसे सीरिया का मानता है। अल-शराअ ने सीमा विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘सभी समस्याओं को एक साथ हल करना अभी संभव नहीं है।’ उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में दोनों देशों के बीच सीमा पर आवाजाही आसान बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।

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