बेलारूस ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का पूर्ण सदस्य बनने पर भारत का धन्यवाद किया है। भारत में बेलारूस के राजदूत मिखाइल कास्को ने कहा कि बेलारूस पूर्ण सदस्य के रूप में राजनीतिक, आर्थिक, व्यापार, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक सहित अन्य एससीओ गतिविधियों को महत्वपूर्ण रूप में बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि हम बेलारूस गणराज्य के समर्थन के लिए भारतीय पक्ष के आभारी हैं।
एक साक्षात्कार में कास्को ने कहा कि बेलारूस गणराज्य रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति में होने के कारण एससीओ सहयोग के विकास में योगदान देने के लिए तैयार है। एससीओ देशों को पारंपरिक रूप से मजबूत और कुशल कृषि क्षेत्र, उच्च तकनीक उत्पादन, खाद्य, परमाणु, अर्थशास्त्र और सुरक्षा, औद्योगिक और वैज्ञानिक क्षमता के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में बेलारूस की क्षमताओं का उपयोग करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। उन्होंने खाद्य सुरक्षा, सामान्य परिवहन, रसद विकास, वैज्ञानिक तकनीकी सहयोग और मानवीय संबंधों को मजबूत करने पर भी जोर दिया।
कास्को ने कहा कि बेलारूस परंपरागत रूप से संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेता है। बेलारूस अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्यों के लिए एकजुट एजेंडा पेश करता है। बेलारूस बातचीत को बढ़ावा देता है।
एससीओ समिट एक आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो दक्षिणी एशिया में स्थित देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। इस संगठन का निर्माण 2001 में शंघाई में हुआ था और इसमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, कजाखस्तान, उजबेकिस्तान, तजाकिस्तान और किर्गिजस्तान शामिल हैं। बता दें रूसी और मंदारिन वर्तमान में एससीओ में आधिकारिक और कामकाजी भाषाओं के रूप में उपयोग की जाती हैं। ग्रुप के दस्तावेज भी इन्हीं दो भाषाओं में तैयार किए जाते हैं। रूस और चीन के अलावा चार मध्य एशियाई राज्य एससीओ के संस्थापक सदस्यों में से हैं। बैठक में रूसी व्यापक रूप से बोली और लिखी जाती है।